4 जुलाई 2013 की दोपहर से मंगल ग्रह राशि बदलकर मिथुन में चला गया है। मिथुन का स्वामी बुध है जो मंगल से शत्रु भाव रखता है। मंगल 19 अगस्त 2013 तक मिथुन में रहेगा फिर नीच का होकर कर्क में चला जाएगा। मंगल के राशि परिवर्तन के समय नक्षत्र कृत्तिका था।
मंगल के मिथुन राशि में आ जाने से मिथुन राशि में चतुर्ग्रही योग बना एवं चंद्रमा के आने से केवल दो दिन के लिए पंचग्रही योग भी बनेगा।
मंगल भूमि का कारक ग्रह है। जो मिथुन राशि वालों को जमीन एवं न्यायलय से संबधी कार्यों में सफलता दिलाएगा। इसके अलावा कन्या, धनु एवं मकर राशि पर भी इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। धनु राशि वालों को तो ज्यादा ही लाभकारी होगा। उनको विदेश से सफलता एवं विदेश जाने में सफलता मिलेगी। कार्य में निरंतरता आएगी।
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महिलाओं को मंगल की यह स्थिति ज्यादा ताकतवर बनाएगी। किसी देश में महिला के नेतृत्व में सरकार बन सकती है या किसी महिला को शक्तिशाली पद की प्राप्ति होगी। देशों में मनमुटाव हो सकता है।
चीन से भारत का तनाव बढ़ेगा एवं स्थिति विकट भी हो सकती है। किंतु मामला धीरे-धीरे संभल जाएगा।
मिथुन, कन्या, मकर राशि वालें विद्यार्थियों के लिए मंगल विशेषकर सेना या पुलिस की नौकरी में जाने वालों को परेशानी हो सकती है।
मंगल ग्रहों में सेनापति होता है। भारत की राशि से यह बारहवां है। अत: भारत को हर क्षेत्र में प्रदर्शन में दिक्कत होगी। उसका पराक्रम श्रेष्ठ नहीं रहेगा। खेलों में पराजय एवं राजनीतिक एवं कूटनीतिक स्तर पर भी उसको नुकसान होने की संभावना है।