संपूर्ण भारत में वसंत पंचमी का उत्सव ज्ञान की देवी 'मां सरस्वती' के जन्म दिवस के रूप मनाया जाता है। इसी दृष्टि से वसंत का मौसम सभी के लिए बहुत मायने रखता है।
इस दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने उनके बारह नामों का उच्चारण करना चाहिए। 12 नाम इस प्रकार हैं : -
मां सरस्वती के बारह नाम : भारती, सरस्वती, शारदा, हंसवाहिनी, जगती, वागीश्वरी, कुमुदी, ब्रह्मचारिणी, बुद्धिदात्री, वरदायिनी, चंद्रकांति व भुवनेश्वरी।
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इस दिन पीले वस्त्र धारण कर पीला चंदन, पीला अक्षत, पीले फूल, धूप दीप नैवेद्य, गंगा जल, पान के पत्ते, सुपारी, लौंग, इलायची, पीले वस्त्र, वाद्य यंत्र, पुस्तकें आदि से सरस्वती की प्रतिमा को ऊंचे आसन पर रख कर पूजा करना चाहिए तथा खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करनी चाहिए।
यह बारह नाम आपके अज्ञान का नाश करके प्रकाश की ओर ले जाते है।
वसंत पंचमी के अबूझ नक्षत्र में मां सरस्वती का विधि-विधान से पूजन करने पर निश्चित सफलता मिलती है। इस दिन साधकों पर मां की विशेष कृपा होती है।