श्रावण की पूर्णिमा के दिन ब्राह्मण-वर्ग अपने यज्ञोपवीत बदलते हैं जिसे श्रावणी-कर्म कहा जाता है। विशेषकर श्रावणी कर्म के लिए श्रवण नक्षत्र देखा जाता है। इस बार रक्षाबंधन 21 अगस्त को है एवं श्रवण नक्षत्र 19 अगस्त को दोपहर 03.25 से 20 अगस्त को दोपहर 01.57 मिनट तक रहेगा। परंतु 20 अगस्त को भद्रा है जो रात्रि 08.45 तक रहेगी। अत: भद्रा में श्रावणी-कर्म नहीं होता इसलिए श्रावणी कर्म 21 अगस्त को ही करें।
यज्ञोपवीत धागा मात्र नहीं होता, यज्ञोपवीत के नौ तंतुओं में ॐकार, अग्नि आदि भिन्न-भिन्न देवताओं का आह्वान किया जाता है। ब्राह्मण एक वर्ष में रक्षाबंधन के दिन अर्थात् श्रावणी कर्म में यह अभिमंत्रित कर लेते हैं।
कैसे करें अभिमंत्रित संक्षिप्त में जाने विधि : -