रक्षाबंधन का पर्व तो सनातन से मनाया जा रहा है। वहीं रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहनों के अटूट प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन बंधवाकर भाई बहनों की उम्र भर रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।
रक्षाबंधन का पर्व वर्ष 2011 में बहनों एवं भाइयों के लिए विशेष मुहूर्त लेकर आया है। बहनें अपने भाइयों की कलाई पर 13 अगस्त को रक्षाबंधन श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग के विशेष मुहूर्त में बांधेंगी। श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग के मिलने से इस दिन सोने पर सुहागा जैसी स्थिति निर्मित हो रही है।
ज्योतिषाचार्य राजकुमार शास्त्री के अनुसार, इस दिन पूर्णमासी संपूर्ण समय (दिन-रात) रहेगी व श्रवण नक्षत्र प्रातः से शाम 6.10 बजे तक रहेगा। रक्षासूत्र गुरु, बहन और संतों से बंधवाने पर हर संकट और सर्वमनोकामनाओं की पूर्ति करता है। राशि रंगों के अनुसार राखी धारण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
मेष- लाल, गुलाबी या पीली राखी बांधें और पीले रंग का रूमाल दें।
वृष- श्वेत, नीली, रेशमी या चांदी की चमकीली राखी बांधें और रेशमी, श्वेत, क्रीम कलर या नीला रूमाल दें।
मिथुन- हरी, नीली तथा गुलाबी राखी बांधें और हरा रूमाल दें।
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कर्क- श्वेत, पीली, चमकीली या रेशमी राखी बांधें तथा श्वेत या पीला रूमाल दें।
सिंह- लाल, मरहूम या पीली राखी बांधें और गुलाबी रंग का रूमाल दें।
कन्या- श्वेत, हरी या गुलाबी राखी बांधें तथा हरा, गुलाबी या श्वेत रूमाल दें।
तुला- श्वेत, नीली या चमकीली राखी बांधे तथा श्वेत या नीला रूमाल दें।
वृश्चिक- लाल, गुलाबी या पीली राखी बांधें तथा सुर्ख लाल रूमाल दें।
धनु- पीली, लाल या गुलाबी राखी बांधें और पीला रूमाल दें।
मकर- नीली, चमकीली या श्वेत राखी बांधे और लाल रूमाल दें।
कुंभ- श्वेत या नीली राखी बांधें तथा नीला रूमाल दें।
मीन- पीली या गुलाबी राखी बांधें तथा पीला या गुलाबी रूमाल दें।