Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

वनस्पतियां और शकुन-अपशकुन

शकुन-अपशकुन की सूचना देते है वृक्ष

Advertiesment
हमें फॉलो करें वनस्पतियां और शकुन-अपशकुन
वनस्पतियों से मिलती है शकुन-अपशकुन की सूचन

वनस्पतियों को शकुन के रूप में मानने की परंपरा वैदिक काल से विद्यमान रही है। बहुत पहले वृक्षों को शकुन रूप में ग्रहण किया जाता रहा है। कालांतर में इनका पूजन एक धार्मिक अथवा सांस्कृतिक प्रथा बन गई होगी।

ऋग्वेद में सोम, अश्वत्‍थ तथा पलाश वृक्षों की विशेष महिमा वर्णित है। कहा जाता है कि पलाश के वृक्ष में सृष्टि के प्रमुख देवता ब्रह्मा, विष्णु, महेश का निवास है। अत: पलाश का उपयोग ग्रहों की शांति हेतु किया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों में ग्रहों के दोष निवारण हेतु में पलाश के वृक्ष का भी एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।

* पवित्र पलाश वृक्ष को घर के पूर्व में स्थान देने पर चोर, दुष्ट, पीड़ा, रोग, व्याधि आदि दुर्भाग्यों से छुटकारा मिलता है।

webdunia
FILE
* मुंज घास तथा उदम्बर वृक्ष का दंड रखने से अन्न तथा यश में वृद्धि होती है।

* वृक्षों के अग्रभाग से गिरने वाली जल की बूंदें यदि मानव शरीर पर गिरती हैं तो अपशकुन होता है।

* इसी प्रकार वृक्ष से फल तथा पक्षी आदि का भी शरीर पर गिरना भी अशुभ कहा गया है।

* किसी घर में कुकुरमुत्ते का उगना अशुभ माना जाता है।

* सूत कातते हुए इसका बार-बार टूटना अशुभ कहा गया है।

* बांसों में अचानक अग्नि प्रकट हो जाना, विस्फोट होना दुर्भाग्य का सूचक है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi