बरसों बाद फिर एक आकाश में दुर्लभ खगोलीय दृश्य नजर आ रहा है। जिसमें शुक्र ग्रह सूर्य के माथे के बिंदिया की तरह दिखाई दे रहा है। इस दुर्लभ नजारे को टेलीस्कोप से देखा जा सकेगा। वहीं इस नजारे को नजरअंदाज करने वालों को यह दृश्य दोबारा देखने के लिए 115 बरस की लंबी तपस्या करनी होगी।
6 जून की सुबह लोगों को दुर्लभ खगोलीय नजारा देखने को मिल रहा है। इसमें शुक्र ग्रह सूर्य के माथे के बिंदिया की तरह दिखाई दे रहा होगा। वैज्ञानिक भाषा में इस स्थिति को शुक्र पारगमन (ट्रांजिट ऑफ वीनस) कहा जाता है। यह दृश्य पिछली बार आठ जून 2004 को दिखाई दिया था। इसके बाद शुक्र पारगमन 115 साल बाद वर्ष 2117 की दिसंबर में दिखाई देगा।
यह है शुक्र पारगमन : चंद्रमा की तरह जब शुक्र ग्रह सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है या सूर्य के सामने से शुक्र का गुजरना ही 'शुक्र पारगमन' कहलाता है। यह पूर्णतया वैज्ञानिक व दुर्लभ घटना है। इसका मानव जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ऐसी स्थिति से न पृथ्वी और न ही यहां के निवासियों पर कोई विशेष प्रभाव पड़ेगा।
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खगोल विज्ञानी डॉ. एसके पांडेय का कहना है कि दुर्लभ दृश्य काफी लंबे अंतराल के बाद दिखाई देते हैं। हमें इसे देखने से चूकना नहीं चाहिए। खासकर युवा पीढ़ी को ऐसी घटनाओं के माध्यम से प्रकृति व ब्रह्मांड के बारे में रोचक जानकारी दी जा सकती है। शुक्र पारगमन से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। न हमारे जीवन पर और न ही हमारी पृथ्वी पर इसका कोई बुरा असर पड़ेगा।
कई स्थानों पर 150 मिलीमीटर व्यास के न्यूटोनियम टेलीस्कोप द्वारा यह नजारा देखने की व्यवस्था की जा रही है। इस टेलीस्कोप से चंद्रमा के क्रेटर, बृहस्पति ग्रह तथा उसके चार चंद्रमा सहित शनि के वलय का भी अवलोकन किया जा सकता है। साथ ही मंगल ग्रह के खगोलीय पिण्डों का भी अवलोकन किया जा सकता है।