sawan somwar

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

शुभ कार्य में वर्जित मानी जाती है भद्रा

Advertiesment
हमें फॉलो करें भद्रा
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

Bhadra

भद्रा किस लोक में है इसे इस प्रकार जानें मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक का चन्द्रमा हो तो भद्रा स्वर्ग लोक में होती है, कन्या, तुला, धनु, मकर का चन्द्रमा हो तो पाताल लोक में भद्रा होती है।

कर्क, सिंह, व मीन राशि के चन्द्रमा में भद्रा मृत्यु लोक अर्थात्‌ सम्मुख रहती है। जब भद्रा भू-लोक में सम्मुख रहती है, अशुभफलदायनी होती है एवं शुभ कार्य में वर्जित मानी जाती है। अन्य लोक में हो तो शुभ रहती है।

भद्र का मतलब करण से है, जब विष्टिकरण होता है तब भद्रा मानी जाती है।


FILE


1 - शुक्ल पक्ष की भद्र का नाम वृश्चिकी है। कृष्ण पक्ष की भद्र का नाम सर्पिणी है। मतान्तर से, दिन की भद्र सर्पिणी, रात्रि की भद्र वृश्चिकी है। बिच्छु का विष डंक में तथा सर्प का विष मुख में होने के कारण वृश्चिकी भद्र की पुच्छ और सर्पिणी भद्रा का मुख विशेषतः त्याज्य है।

FILE


2 - भद्रा दोष, मंगल-शनिवार जनित दोष, व्यतिपात, अष्टम भावस्थ एवं जन्म नक्षत्र दोष, मध्यान्ह के पश्चात्‌ शुभकारक मानी जाती है।

(समाप्त)

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi