Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(रुक्मिणी अष्टमी)
  • तिथि- पौष कृष्ण अष्टमी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत/मुहूर्त-रुक्मिणी अष्टमी, किसान दिवस
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

धर्म और ज्योतिष के बीच हैं 10 तरह के अंतर

हमें फॉलो करें धर्म और ज्योतिष के बीच हैं 10 तरह के अंतर

अनिरुद्ध जोशी

, गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (19:00 IST)
अक्सर धर्म को ज्योतिष से या ज्योतिष को धर्म से जोड़े जाने के कारण कई तरह के भ्रमों का जन्म भी होता है। हालांकि कई जगहों पर दोनों में अंतर संबंध में है और कई जगहों पर नहीं भी। आओ जानते हैं 10 अंतर।
 
 
1. धर्म का मार्ग अध्यात्म का मार्ग है जबकि ज्योतिष उस मार्ग को सुगम बनाने का साधन। इसीलिए ज्योतिष को 'वेदों का नेत्र' कहा गया है।
 
2. धर्म भीतरी जगत का विज्ञान है तो ज्योतिष बाहरी जगत का विज्ञान है। 
 
3. धर्म स्वयं की खोज है तो ज्योतिष जीवन की खोज है।
 
4. धर्म की नजरों में ईश्वर निराकार है और ज्योतिष की नजरों में ईश्वर का साकार रूप है वह है जो दिखाई दे रहा है।
 
5. धर्म स्पष्ट मार्ग बताता है जबकि ज्योतिष भविष्य बताता है।
 
6. ज्योतिष के इतिहास को जानने वाले मानते हैं कि धर्म की उत्पत्ति के पूर्व ज्योतिष था। ज्योतिष ही प्राचीनकाल का धर्म हुआ करता था। मानव ने ग्रहों और नक्षत्रों की शक्तियों को पहचाना और उनकी प्रार्थना एवं पूजा करना शुरू किया। जबकि धर्म को जानने वाले मानते हैं कि धर्म की उत्पत्ति के बाद ज्योतिष जन्मा।
 
7. धर्म से तय होता है कि यज्ञ, पूजा, व्रत, उपवास करना, उत्तम भोजन करना और ध्यान करना चाहिए जबकि ज्योतिेष बताता है कि यह कार्य कब और कैसे करना करना चाहिए। ज्योतिष के बगैर किसी भी प्रकार के मांगलिक व शुभ कार्य पूर्ण नहीं होते।
 
8. ज्योतिष को ग्रह-नक्षत्रों की चाल, सूर्य और चन्द्र के प्रभाव, दिन, पक्ष, मुहूर्त, लग्न, अयन, शुभ और अशुभ दिन आदि का साधन माना जाता है जबकि धर्म को साध्य।
 
9. धर्म बताता है कि कैसे कर्म करना चाहिए जबकि ज्योतिष बताता है कि क्या होगा कर्मों का परिणाम। प्रारब्ध क्या है और पुण्य कर्म क्या है।
 
10. धर्म बताता है कि किस तरह स्थितप्रज्ञ हो जाना चाहिए जबकि ज्योतिष बाता है कि क्या होगी प्रकृति और कर्मों की गति।
 
धर्म और ज्योतिष : ज्योतिष को ग्रह, नक्षत्र, समय, लग्न, मुहूर्त, दिन, रात, तिथि, पक्ष, अयन, वर्ष, युग, अंतरिक्ष समय आदि को जानने की विद्या मानते हैं अर्थात बाहर के जगत को जानने की विद्या ज्योतिष है जबकि धर्म भीतर के जगत को जानने के साधन हैं। इसमें आत्मा-परमात्मा, यम-नियम, ध्यान, संध्यावंदन, भगवान, देवी-देवता, दान-पुण्य, तीर्थ, कर्म, संस्कार आदि की विवेचना की जाती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

27 अगस्त 2021 : खुशियों भरा रहेगा दिन, किसे मिलेगा भाग्य का साथ, पढ़ें अपनी राशि