नवग्रहों के गोचर में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन अर्थात् गोचर बहुत महत्व रखता है। गुरु एक राशि में 1 वर्षपर्यंत रहने के उपरांत अपनी राशि परिवर्तित करते हैं।
11 अक्टूबर 2018 की रात्रि को गुरु ने वृश्चिक राशि में प्रवेश कर लिया हैं । विगत 1 वर्ष से गुरु तुला में राशि में स्थित हैं। गुरु का यह गोचर समस्त 12 राशियों पर अपना व्यापक प्रभाव डालेगा।
आइए जानते हैं कि गुरु का वृश्चिक राशि में आना कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए : -
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार शोक व भय का वातावरण रहेगा। चोरी इत्यादि की संभावना है। राज्य की ओर से कष्ट होगा। मानहानि होगी। आजीविका पर संकट आएगा। व्यवसाय में हानि होगी। भारी आर्थिक हानि के योग हैं। पेट संबंधी रोग के कारण शारीरिक कष्ट होगा। पुत्र से विवाद होगा। यात्राएं असफल होंगी।
2. वृष- वृष राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धन हानि के योग हैं। चोरी के कारण आर्थिक नुकसान होगा। संबंधियों व पुत्र से विवाद होगा। मानसिक अवसाद व चिंता रहेगी। राज्याधिकारियों से विवाद होगा।
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार पेट रोग के कारण कष्ट होगा। पुत्र से मतभेद व विवाद होगा। धन की कमी महसूस होगी। अविवेकपूर्ण निर्णयों के कारण हानि होगी।
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। व्यवसाय में लाभ होगा। घर में मांगलिक उत्सव होगा। पुत्र सुख प्राप्त होगा। लॉटरी इत्यादि से लाभ होगा।
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धन हानि होगी। मन अशांत रहेगा। प्रवास के योग बनेंगे। जमीन-जायदाद के मामलों में असफलता प्राप्त होगी। राज्य की ओर से दंड प्राप्ति के योग हैं।
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार शारीरिक कष्ट होगा। संबंधियों से विवाद होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। आर्थिक हानि होगी। व्यवसाय में हानि होगी। यात्रा निष्फल रहेगी।
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार कुटुंब सुख में वृद्धि होगी। धन लाभ होगा। मांगलिक प्रसंग जैसे विवाह, पुत्र का जन्म होगा। चल संपत्ति से लाभ होगा। शत्रु पराजित होंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार राजभय के कारण मानसिक अशांति रहेगी। मानहानि होगी। आर्थिक नुकसान होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। यात्रा में कष्ट होगा। अत्यधिक व्यय होगा।
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार संतान से विशेषकर पुत्र से कष्ट होगा। व्यर्थ धनहानि होगी। शारीरिक पीड़ा होगी। स्वास्थ्य खराब रहेगा। कलंक लगने के कारण सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होगी।
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर के कारण धन लाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। शत्रु पराभव होगा। विवाह व पुत्र जन्म के कारण सुख प्राप्त होगा। संतान व राज्याधिकारियों से लाभ होगा।
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धन हानि व मानहानि होगी। पुत्र से कष्ट होगा। पेट रोग के कारण कष्ट होगा। कार्यक्षेत्र में बाधाएं आएंगी। परिश्रम का अपेक्षित लाभ प्राप्त नहीं होगा।
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को गुरु के गोचर अनुसार धन वृद्धि होगी। पुत्र जन्म के कारण सुख प्राप्त होगा। भाग्य का साथ मिलेगा। राज्य से सम्मान प्राप्त होगा। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। बंधु-बांधवों से लाभ प्राप्त होगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु आवश्यक उपाय : -
1. प्रत्येक गुरुवार किसी ब्राह्मण को बूंदी के लड्डू या बेसन से बनी मिठाई खिलाएं।
2. प्रत्येक गुरुवार अश्व को चना दाल खिलाएं।
3. स्वर्ण एवं पीले वस्त्रों का प्रयोग ना करें।
4. प्रत्येक गुरुवार गुरु का दान करें। गुरु दान- पीला वस्त्र, स्वर्ण, पीले पुष्प, गाय का घी, हल्दी की गांठ, चने की दाल, केसर, पीले फल आदि)
5. प्रतिदिन हल्दी मिश्रित जल से स्नान करें।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र