भक्तों में श्रेष्ठ, रामप्रिय श्री मारुतिनंदन महावीर हनुमान के कई नाम हैं। उनके द्वारा किए महान कार्यों और कठोर तप के चलते उन्हें कई नामों से पुकारा जाता है। जानते हैं बजरंग बली के नाम व उनके अर्थ।
दूसरा अंजनी सूत, (माता अंजनी के पुत्र)
तीसरा वायुपुत्र, (पवनदेव के पुत्र)
चौथा महाबल, (एक हाथ से पहाड़ उठाने और एक छलांग में समुद्र पार करने वाले महाबली)
पांचवां रामेष्ट (राम जी के प्रिय),
छठा फाल्गुनसख (अर्जुन के मित्र)
सातवां पिंगाक्ष (भूरे नेत्र वाले)
आठवां अमितविक्रम, ( वीरता की साक्षात मूर्ति)
नौवां उदधिक्रमण (समुद्र को लांघने वाले),
दसवां सीताशोकविनाशन (सीताजी के शोक को नाश करने वाले),
ग्यारहवां लक्ष्मणप्राणदाता (लक्ष्मण को संजीवनी बूटी द्वारा जीवित करने वाले) और
बारहवां नाम है- दशग्रीवदर्पहा (रावण के घमंड को चूर करने वाले)
श्री हनुमान स्तुति हनुमानजी के गुणों को निरुपित करती हैं। ये सभी नाम श्रीराम और सीता के प्रति इनके अनन्य प्रेम, अनुकरणीय भक्ति और सेवा के परिचायक है।
नोट: यदि किसी का मन अनहोनी की आशंका से घबराता हो, अज्ञात भय से त्रस्त हों तो प्रात:काल, सोते समय अथवा शुभ कार्य से पहले श्री हनुमान स्तुति जपने से सभी भय दूर हो जाते हैं और शुभागमन होता है।