नया साल सबके लिए खुशियां लेकर आए यही कामना है हमारी। नए साल पर पेश है कुछ ऐसी अहम सावधानियां जिन्हें अपना कर हम साल भर को शुभ बना सकते हैं। पूरे साल में हमारा हर दिन खूबसूरत हो, हर दिन मंगलमयी हो। जानिए वे कौन सी 17 बातें हैं जिनसे हमारा जीवन खुशहाल बन सकता है-
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1. लक्ष्मी का वास वहां माना जाता है, जहां स्वच्छता तथा सुगंध हो। अत: रहने का स्थान तथा कार्य का स्थान स्वच्छ एवं सुगंधित हो, ऐसा प्रयत्न करना चाहिए। नए साल के पहले दिन घर को स्वच्छ करें।
2. घर में गौमूत्र, नमक तथा फिटकरी मिलाकर नित्य पोंछा लगाना चाहिए जिससे नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न न हो। वस्त्रादि स्वच्छ रखने के साथ इत्र-स्प्रे इत्यादि का इस्तेमाल करना चाहिए।
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3. नए साल के पहले दिन, जन्मदिन, विवाह की वर्षगांठ पर पूजन-अर्चन करना चाहिए।
4. वर्षारंभ में कुछ अच्छा करने का संकल्प लेकर वर्षांत तक उसे पूर्ण करने का पूरा प्रयास करें।
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5. वृक्ष-पौधे लगाकर सेवा करें। अपने नक्षत्र की वनस्पति तथा राशि की वनस्पति पर यह प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है।
6. स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए नित्य एक माला महामृत्युंजय की अवश्य करें। 40 दिन बाद से परिणाम दिखने प्रारंभ हो जाएंगे।
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7. जिन व्यक्तियों को कर्ज से राहत न मिल रही हो या खर्च ज्यादा हो, आवक कम हो, वे लक्ष्मीजी का कोई भी मंत्र प्रारंभ कर दें। दीपावली पर इसके हवन इत्यादि कर ऐश्वर्य, लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
8. इस वर्ष गुरु उच्च के हो रहे हैं अत: जिन्हें भी दीक्षा लेने की इच्छा हो, व विद्वान से सलाह लेकर इस समय का लाभ उठा सकते हैं।
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9. जिन पत्रिकाओं में कालसर्प दोष हो, वे 28 फरवरी को इसका पूजन करा लें। शिवरात्रि प्रशस्त दिन माना गया है।
10. जिन व्यक्तियों को राज्य से या बड़े व्यक्तियों से कार्य में अड़चन आ रही हो, वे एक माला मकर संक्रांति से नित्य करें।
12. जिन्हें ज्ञान की आवश्यकता हो, वे पंचाक्षरी शिवमंत्र शिवरात्रि से रात्रि 10 से 12.30 बजे तक पैरों को पानी में डुबाकर जप नित्य करें- 'ॐ नम: शिवाय।।'
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13. राहु ग्रह से परेशान व्यक्ति संक्रांति से प्रत्येक शनिवार पानी वाले नारियल अपने पर से उतारकर बहते शुद्ध जल में बहाएं, अगली संक्रांति तक।
14. केतु ग्रह से परेशान व्यक्ति तेल लगाकर प्रत्येक शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं तथा गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ नित्य करें।
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15. जो लोग कालसर्प दोष से पीड़ित हों, वे नाग गायत्री का जप शिव मंदिर में या पीपल के नीचे बैठकर शिवरात्रि से नित्य करें- 'ॐ नवकुलाय विद्महे विष दन्ताय धीमही तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।।'
16. जो विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर हों, स्मरण शक्ति कम हो, व सरस्वती के चित्र के सामने बैठकर नित्य एक माला बसंत पंचमी से करें-
'ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं ॐ सरस्वत्यै नम:।।'
17. भय होने पर हनुमान मंत्र संक्रांति से नित्य जपें-