Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सोमवती अमावस्या पर करें ये 7 उपाय, पढ़ें यह मंत्र, मिलेगा शुभ फल

हमें फॉलो करें सोमवती अमावस्या पर करें ये 7 उपाय, पढ़ें यह मंत्र, मिलेगा शुभ फल
* जीवन में परेशानियों से गुजर रहे हैं तो करें सोमवती अमावस्या पर ये 7 विशेष उपाय 
 
सोमवती अमावस्या के दिन नदी स्नान और मंत्र जाप का विशेष महत्व है। शास्त्रों में वर्णित है कि पौष, माघ, अगहन के महीने में नदी, तट, सरोवर के जल में स्नान कर सूर्य को गायत्री मंत्र उच्चारण करते हुए अर्घ्य देना चाहिए। यह क्रिया आपको अमोघ फल प्रदान करेगी। साथ ही स्नानदान का पूरा पुण्य भी मिलेगा। इतना ही नहीं, स्नान के समय निम्न मंत्र का जाप करने से आपको विशेष उपलब्धि भी प्राप्त होगी। 
 
वर्ष 2017 की सोमवती अमावस्या 18 दिसंबर को मनाई जाएगी। सोमवार के दिन सर्वार्थ सि‍द्धि योग का महासंयोग बन रहा है। इसके साथ ही पौष अमावस्या सोमवार के  दिन होने से इसका महत्व अधिक बढ़ गया है।

ज्ञात हो कि 2017 के बाद ये महासंयोग 11 साल बाद यानी 2028 में आएगा। अत: जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष, विष योग या अमावस्या दोष है, वे सोमवती अमावस्या वाले दिन अपने दोष का निवारण कर सकते हैं। 
 
मंत्र-
।।अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेया: सप्तैता मोक्ष दायिका।।
।।गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिन्धु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू।।
 
जो लोग नदी पर स्नान के लिए नहीं जा सकते और घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं, उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए। इसके साथ ही नीचे लिखे उपाय करने से निश्चित ही आपके सारे कष्टों से मुक्ति भी मिलेगी। 
 
सोमवती अमावस्या के उपाय-
 
* सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें।
 
* सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य नारायण को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होगी।
 
* जिन लोगों का चन्द्रमा कमजोर है, वे गाय को दही और चावल खिलाएं तो मानसिक शांति प्राप्त होगी।
 
* इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
 
* इस दिन शिव का पूजन करने का विशेष मह‍त्व है। अत: शिवजी की पूजा-आराधना पूरे मन से करनी चाहिए तभी फल प्राप्त होता है। 
 
* इसके अलावा अपने पितृ को प्रसन्न करके के लिए सुबह और शाम के समय कंडे जलाकर उसमें गुड़-घी की धूप देकर पितरों का आशीर्वाद ले सकते हैं और किसी भी तीर्थस्थल पर जाकर पितृ के निमित्त पूजन कर सकते हैं। 
 
* सोमवती अमावस्या के दिन पितृदोष निवारण के लिए सूर्य अर्घ्य देते समय पितृ तर्पण तथा 'ॐ पितृभ्य नमः' मंत्र का करने से भी जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
 
- आरके. 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वर्ष 2018 : कन्या राशि के लिए वर्ष की शुभता के विशेष उपाय