* सीता नवमी : इस शुभ मुहूर्त में करें शुभ पूजन...
वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की नवमी को सीता नवमी कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इस दिन को श्री जानकी (सीता) नवमी, श्री जानकी जयंती भी कहा जाता है। इस वर्ष सीता नवमी 24 अप्रैल 2018, मंगलवार के दिन मनाई जा रही है।
मंगलवार के दिन आने वाली सीता नवमी के पूजन का समय और मुहूर्त इस प्रकार रहेगा-
24 अप्रैल को शुभ मुहूर्त में पूजन का समय 11.01 से 13.37 बजे तक रहेगा। मुहूर्त की अवधि करीबन 2 घंटा 35 मिनट रहेगी। माता सीता का प्राकट्य काल भी मध्याह्न के समय माना जाता है अत: नवमी के दिन मध्याह्न समय 12.19 मिनट पर पूजन करना विशेष फलदायी रहेगा। सीता नवमी की तिथि 23 अप्रैल, सोमवार को 14.16 से प्रारंभ होगी तथा नवमी तिथि का अंत 24 अप्रैल, मंगलवार को 12.25 बजे होगा।
माना जाता है कि देवी माता सीता का जन्म पुष्य नक्षत्र में मंगलवार के दिन हुआ था। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को पुष्य नक्षत्र के मध्याह्न काल में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ। अत: जनमानस में यह पर्व 'जानकी नवमी' के नाम से प्रचलित है।
जोती हुई भूमि तथा हल की नोक को भी 'सीता' कहा जाता है इसलिए बालिका का नाम 'सीता' रखा गया था। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक माता जानकी का जन्मदिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मदिन के ठीक 1 माह बाद आता है।
मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखता है एवं राम-सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे 16 महान दानों का फल, पृथ्वी दान का फल तथा समस्त तीर्थों के दर्शन का फल मिल जाता है।
इस दिन माता सीता के मंगलमय नाम 'श्री सीतायै नम:' और 'श्रीसीता-रामाय नम:' का उच्चारण करना लाभदायी रहता है। जानकी जयंती के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखकर माता सीता की पूजा करती हैं।