रविवार से प्रारंभ होने वाला पंचक रोग पंचक, सोमवार को प्रारंभ होने वाला राज पंचक, मंगलवार से प्रारंभ होने वाला अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाला मृत्यु पंचक कहलाता है। इस बार 01 जून 2021 से अग्नि पंचक प्रारंभ होगा जो 05 जून तक रहेगा। इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचक में निम्नलिखित दी गई बातों का पालन करना जरूरी नहीं माना गया है। इन दो दिनों में पड़ने वाले दिनों में पंचक के पांच कामों के अलावा किसी भी तरह के शुभ काम किए जा सकते हैं।
पंचक का समय : 1 जून 2021 मंगलवार को प्रात: 03:59 पर पंचक प्रारंभ होगा जो 5 जून 2021 शनिवार को प्रात: 11:28 पर समाप्त होगा। लाला रामस्वरूप पंचाग के अनुसार मंगलवार 8:53 दिन से प्रारंभ होगा जो शनिवार को रात 1:26 को समाप्त होगा।
पंचक में वर्जित कार्य :
पंचक में नहीं करते हैं ये पांच कार्य:-
'अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।'-मुहूर्त-चिंतामणि
अर्थात:- पंचक में तिनकों और काष्ठों के संग्रह से अग्निभय, चोरभय, रोगभय, राजभय एवं धनहानि संभव है।
1.लकड़ी एकत्र करना या खरीदना, 2. मकान पर छत डलवाना, 3. शव जलाना, 4. पलंग या चारपाई बनवाना और दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना वर्जित है।
अग्नि पंचक :
1. मंगलवार से प्रारंभ होने वाले अग्नि पंचक में आग लगने का भय रहता है इसीलिए कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
2. इस दिन औजारों की खरीदी, निर्माण या कोई भी मशीनरी कार्यों को करने से बचना चाहिए।
3. हालांकि इस पंचक में कोर्ट-कचहरी और विवाद आदि के फैसले और अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं जिसमें सफलता मिल सकती है।