-पं. रामप्रसाद मालवीय
प्रचलित मान्यता अनुसार अंग के फड़कने से भी शकुन अपशकुन का विचार किया जाता है। हालांकि निम्न बातों में कितनी सचाई है यह बताना मुश्किल है। इसे लोग अंधविश्वास के अंतर्गत मानते हैं। यहां सिर्फ जानकारी हेतु यह लेख है पाठक अपने विवेक का उपयोग करें।
* पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है। वहीं अगर उसके शरीर के दाएं भाग में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है।
* किसी व्यक्ति के माथे पर अगर हलचल होती है तो भौतिक सुख
* कनपटी के पास फड़कन पर धन लाभ होता है।
* मस्तक फड़के तो भू-लाभ मिलता है।
* ललाट का फड़कना स्नान लाभ दिलाता है।
* नेत्र का फड़कना धन लाभ दिलाता है।
* यदि दाईं आंख फड़कती है तो सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं
* बाईं आंख में हलचल रहती है तो अच्छी खबर मिल सकती है।
* अगर दाईं आंख बहुत देर या दिनों तक फड़कती है तो यह लंबी बीमारी।
* यदि कंधे फड़के तो भोग-विलास में वृद्धि होती है।
* दोनों भौंहों के मध्य फड़कन सुख देने वाली होती है।
* कपोल फड़के तो शुभ कार्य होते हैं।
* नेत्रकोण फड़के तो आर्थिक उन्नति होती है।
* आंखों के पास फड़कन हो तो प्रिय का मिलन होता है।
* होंठ फड़क रहे हैं तो वन में नया दोस्त आने वाला है।
* हाथों का फड़कना उत्तम कार्य से धन मिलने का सूचक है।
* वक्षःस्थल का फड़कना विजय दिलाने वाला होता है।
* हृदय फड़के तो इष्टसिद्धी दिलाती है।
* नाभि का फड़कना स्त्री को हानि पहुंचाता है।
* उदर का फड़कना कोषवृद्धि होती है,
* गुदा का फड़कना वाहन सुख देता है।
* कण्ठ के फड़कने से ऐश्वर्यलाभ होता है।
* ऐसे ही मुख के फड़कने से मित्र लाभ होता है और होठों का फड़कना प्रिय वस्तु की प्राप्ति का संकेत देता है।
(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।)