Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(संकष्टी चतुर्थी)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण तृतीया
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त-वैशाखी संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2021 : कब करें घट स्थापना, जानिए शुभ मुहूर्त यहां

हमें फॉलो करें आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2021 : कब करें घट स्थापना, जानिए शुभ मुहूर्त यहां
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

Gupta Navaratri muhurat
 
इस माह की दिनांक 11 जुलाई, दिन रविवार से गुप्त (आषाढ़) नवरात्रि प्रारंभ होने जा रही है। हमारे सनातन धर्म में नवरात्रि का पर्व बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। हिन्दू वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ, मासों में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें दो नवरात्रि को प्रगट एवं शेष दो नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रि में देवी प्रतिमा स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा-आराधना की जाती है वहीं आषाढ़ और माघ मास में की जाने वाली देवीपूजा 'गुप्त नवरात्रि' के अंतर्गत आती है। जिसमें केवल मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर या जवारे की स्थापना कर देवी की आराधना की जाती है। आइए जानते हैं कि इस नवरात्रि में किस प्रकार देवी आराधना करना श्रेयस्कर रहेगा।
 
मुख्य रूप से देवी आराधना को हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं-
 
1. घट स्थापना, अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करना व जवारे स्थापित करना- श्रद्धालुगण अपने सामर्थ्य के अनुसार उपर्युक्त तीनों ही कार्यों से नवरात्रि का प्रारंभ कर सकते हैं अथवा क्रमश: एक या दो कार्यों से भी प्रारंभ किया जा सकता है। यदि यह भी संभव नहीं तो केवल घट-स्थापना से देवी पूजा का प्रारंभ किया जा सकता है।
 
2. सप्तशती पाठ व जप- देवी पूजन में दुर्गा सप्तशती के पाठ का बहुत महत्व है। यथासंभव नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक श्रद्धालु को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए किंतु किसी कारणवश यह संभव नहीं हो तो देवी के नवार्ण मंत्र का जप यथाशक्ति अवश्य करना चाहिए।
 
!! नवार्ण मंत्र- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' !!
 
3. पूर्णाहुति हवन व कन्या भोज- नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन पूर्णाहुति हवन एवं कन्या भोज कराकर किया जाना चाहिए। पूर्णाहुति हवन दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से किए जाने का विधान है किंतु यदि यह संभव ना हो तो देवी के 'नवार्ण मंत्र', 'सिद्ध कुंजिका स्तोत्र' अथवा 'दुर्गाअष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र' से हवन संपन्न करना श्रेयस्कर रहता है।
 
नवरात्रि घट स्थापना मुहू‍र्त- 

नवरात्रि के यह नौ दिन मां दुर्गा की पूजा-उपासना के दिन होते हैं। अनेक श्रद्धालु इन नौ दिनों में अपने घरों में घट-स्थापन कर अखंड ज्योति की स्थापना कर नौ दिनों का उपवास रखते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में घट-स्थापन एवं अखंड ज्योति प्रज्ज्वलन का शुभ मुहूर्त कब है-
 
प्रात:- 9:04 से दोपहर 12:25 तक
अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11:58 मिनट से 12:51 तक
दोपहर- 2:05 से 3:46 बजे तक
सायं 7:06 से 9:46 बजे तक
 
अखंड ज्योति- जो श्रद्धालुगण अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करना चाहते हैं वे बाती के रूप कलावा (मौली) का प्रयोग करें इससे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है एवं साधक सदैव लक्ष्मी की अनुकंपा बनी रहती है।
 
विभिन्न लग्नों में घट-स्थापन कर अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित किए जाने का फल भी निम्न प्रकार से प्राप्त होता है-
 
1. मेष लग्न- धन लाभ
2. वृष लग्न- मृत्यु
3. मिथुन लग्न- संतान नाश
4. कर्क लग्न- समस्त सिद्धियां
5. सिंह लग्न- बुद्धि नाश
6. कन्या लग्न- लक्ष्मी प्राप्ति
7. तुला लग्न- ऐश्वर्य
8. वृश्चिक लग्न- स्वर्ण लाभ
9. धनु लग्न- अपमान
10. मकर लग्न- पुण्य प्राप्ति
11. कुंभ लग्न- धन-समृद्धि की प्राप्ति
12. मीन लग्न- दुःख की प्राप्ति होती है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: [email protected]
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

11 जुलाई 2021 का राशिफल: कैसा है आपका दिन, क्या आज मिलेगा आर्थिक लाभ