क्या आप भी संकोची हैं, अगर हां तो यह आलेख आपके लिए है...
1. पड़ोसी से नहीं मांग पाते अपना सामान
जीवन या कुंडली में शनि और बुध की स्थिति सही न हो, तब व्यक्ति संकोची बन जाता है। अपना सामान देते हैं और वापस नहीं मांग पाते। पास-पड़ोस में अपने ही सामान को वापस लेने में संकोच करते हैं। कई बार नुकसान उठाना पड़ जाता है।
2. बॉस से नहीं बोल पाते हैं कुछ
जब सूर्य और बृहस्पति की स्थिति सही न हो या कुंडली में नीच के हों, पाप ग्रहों से ग्रस्त हों, तब आप अपने अधिकारी बॉस या रिश्तेदारी में आवश्यकता अनुसार सहायता करते हैं लेकिन उसके बाद अपनी ही वस्तु या पैसा मांगने में बहुत संकोच करना पड़ता है और कीमती सामान से हाथ धो बैठते हैं। दूसरे शब्दों में अपनी रिश्तेदारी या अपने उच्च अधिकारी को समय पर सामान या पैसे से सहायता करते हैं लेकिन दुबारा मांग नहीं पाते हैं।
3.दोस्ती पर सब कुर्बान
दोस्ती के नाम पर अपनी अनमोल वस्तु कुछ समय के लिए दे देते हैं लेकिन देने के बाद आपका दोस्त आपको वापस नहीं करता और आप लिहाजवश मांगते भी नहीं हैं। जब मंगल और चन्द्रमा अच्छे न हो, तब ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है और अपने ही कीमती सामान से आप दूर हो जाते हैं।
4 खत्म करें यह संकोच, आजमाएं यह उपाय
मन का संकोच दूर हो, आप निर्भीक बनें इसके लिए आप हनुमानजी की पूजा किया करें, सुंदरकांड का पाठ किया करें और मंगलवार के दिन मीठी रोटी गाय को खिलाएं, ऐसी स्थिति में लाल धागे में बेल की जड़ हाथ या गले में धारण करें, लाभ होगा।