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नरेंद्र मोदी की क्‍या साल 2026 में जाएगी सत्‍ता?

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 (12:41 IST)
PM Modi: वर्तमान में सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइट पर ज्योतिष लोगों द्वारा नरेंद्र मोदी के बीच में ही सत्ता छोड़ देने की बात कहीं जा रही है। उनके ग्रह नक्षत्रों के आकलन के अनुसार ऐसी परिस्थितियां निर्मित होगी कि वे वर्ष 2026 के मध्य से पद को छोड़ देंगे और उसके बाद उनकी जगह कोई नया प्रधानमंत्री बनेगा या राष्ट्रपति शासन लगेगा। कुछ का मानना है कि सैन्य शासन लगेगा। हालांकि कई ज्योतिष मानते हैं कि वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और देश में सबकुछ ठीक रहेगा।
 
ज्योतिष विद्वान मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और प्रियंका गांधी के पीएम बनने के कोई चांस नहीं है, लेकिन अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव की कुंडली में प्रबल राजयोग हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इन नामों को छोड़कर कोई नया ही चेहरा राजनीतिक पटल पर उभरेगा और वही देश को संभालेगा।
 
नरेंद्र मोदी पर भविष्यवाणी:-
आजकल कई ज्योतिष विश्लेषक बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाऊंगे। कुछ कह रहे हैं कि यह सरकार अपना कार्यकाल तो पूरा करेगी लेकिन नरेंद्र मोदी को 2026 तक सत्ता छोड़ना होगी और फिर कोई नया चेहरा देश का पीएम बनेगा। कहा जा रहा है कि राहु और केतु की दशा उनके लिए अप्रत्याशित चुनौतियां ला सकती हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी की कुंडली में बृहस्पति और शनि की महादशा उनकी प्रमुख हैं, जो उनके राजनीतिक करियर में स्थिरता और सफलता का संकेत देती है। यानी वे अपना कार्यकाल न केवल पूर्ण करेंगे बल्कि अगले कार्यकाल के लिए भी रेस में बने रहेंगे।
 
2026 तक मोदी देश के प्रधानमंत्री रहेंगे इसके बाद कोई नया प्रधानमंत्री होगा। हालांकि विपक्ष में से कोई प्रधानमंत्री नहीं होगा। माना जा रहा है कि अगले 15 वर्षों तक विपक्ष सत्ता में नहीं आ पाएगा। आगे देश का सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव बढ़ेगा। राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भी देश सुदृढ और समृद्ध होगा। हालांकि देश को पड़ोसी देशों से सावधान रहने की जरूरत है। इसके साथ ही भारत को भी आंतरिक शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत है। देश में आंतरिक शत्रुओं की संख्या बढ़ जाएगी।
 
कई ज्योतिष मानते हैं कि 29 मार्च 2025 में शनि के राशि परिवर्तन के बाद देश और दुनिया में भारी परिवर्तन होगा। वर्ष 2025 और 2026 में कई सूर्य और चंद्र ग्रहण है जो धरती पर बड़े बदलाव करेंगे। ऐसे समय में भारत की वर्तमान सरकार पर भी भारी संकट आने वाला है। यह सरकार 2029 तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। ऐसा भी माना जाता है कि मोदीजी का पहले जो बूम था अब वह ढलने लगा है। आने वाले समय में उनकी लोकप्रियता और घट जाएगी। उनका जो लक्ष्य था वह करीब करीब पूरा होने वाला है। अब बस पीओके और समान नागरिक संहिता का कार्य ही बचा है।

अविवाहित या विदुर ही कामयाब पीएम:
कई ज्योतिषियों का मानना है कि भारत में वही प्रधानमंत्री कामयाब हो सकता है जो शादीशुदा न हो या जो विधवा या विदुर हो। यह भी कि जो अपनी पत्नी या पति से बहुत पहले ही अलग रह रहा हो। जब से देश आजाद हुआ है तभी से यह देखा जा सकता है। ज्योतिषियों का मानना है कि वर्तमान राजनतिज्ञों की कुंडली की जांच करेंगे तो योगी आदित्यनाथ की कुंडली ही एकमात्र ऐसी कुंडली है जो पीएम बनने की योग्यता रखती है। बाकी अमित शाह, नितिन गडकरी, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, ममता बनजी आदि के इसमें राजनयोग तो है परंतु वैसे नहीं जैसा कि योगी आदित्यनाथ की कुंडली में देखा जा सकता है। यह बहुत ही स्ट्रॉंग राजयोग है।
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योगीजी की कुंडली में पीएम बनने के प्रबल योग:
हालांकि वर्ष 2025 में योगीजी के सामने कई तरह की चुनौतियां आएंगी। पार्टी के भीतर और बाहर से उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन योगी जी का जो पराक्रम और निर्भिकता है उसके चलते वे सभी से पार पा जाएंगे। योगीजी की सिंह लग्न की कुंडली में पंचम में गुरु और कर्म भाव में शनि, सूर्य और बुध की युति है। छठे में राहु और 12वें में केतु विराजमान है। इसी के साथ लाभ भाव में मंगल और शुक्र की युति है और सप्तम भाव में चंद्रमा है। 
 
कई ज्योतिष योगी आदित्यनाथ की कुंडली में का विश्लेषण करके बताते हैं कि वे भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे और उनके नेतृत्व में ही भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा। उस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि शनि और मंगल की प्रबल स्थिति के चलते वे और भी ज्यादा दृढ़ और निडर होकर सामने आएंगे। आने वाले समय में उनके प्रभाव और राजनीतिक कद में वृद्धि के संकेत हैं। ज्योतिष मानते हैं कि उन्हें कोई रहस्यमयी बीमारी भी जिसे उन्होंने अपनी पूजा के बल पर काबू में कर रखा है। यदि वे इसे काबू में कर पाए तो उनका पीएम बनता तय है। 
 
योगी आदित्यनाथ की कुंडली के अनुसार उनका लग्‍न सिंह है और लग्‍नेश कर्म का कारक होकर सूर्य, शनि और बुध की युति के साथ में विद्यमान है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य की ऐसी स्थिति जातक को राजसत्ता का सुख देती है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक जिसकी कुंडली में लग्नेश कर्म भाव होता है, उस जातक को जीवन में उच्च पद की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार योगी आदित्यनाथ की कुंडली में पंचम भाव में गुरु स्‍वग्रही होकर बैठे है, लेकिन छठे भाव में राहु का शत्रुहंता योग बन रहा है। इससे यह साबित होता है कि यह अपने आसपास शत्रुओं से घिरे रहेंगे लेकिन यह शत्रुओं पर हावी रहेंगे। ग्यारहवें भाव को देखें तो इसमें शुक्र और इसी भाव में मंगल तृतीय स्थान पर हैं। जबकि द्वादश भाव में केतु मौजूद हैं। इसके हिसाब से देखा जाए तो जातक का समय शानदार होने वाला है।
 
उल्लेखनीय है कि यह भी कहा जा रहा है कि वर्ष 2026 में नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो रहे हैं। ऐसे में भाजपा के कानून के अनुसार 75 वर्ष के बाद व्यक्ति पद पर न रहकर मार्गदर्शन मंडल में रहता है। इस नियम के अनुसार तो मोदी को पद छोड़ना पड़ सकता है लेकिन यह भी हो सकता है कि मोदी के लिए नियम में छूट मिले।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

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