वर्ष 2025 में कई घातक योग के निर्माण के चलते भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बल्क में लोगों की मौतें हुई है। भारत की बात करें तो कुंभ में भगदड़ से से 34 लोगों मौत, पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत, भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध में कई लोगों की मौते हुए। इसके बाद अहमदाबाद विमान दुर्घटना में 275 लोगों की मौत, बेंगलुरु भगदड़ में 11 लोगों की मौत, तेलंगाना फैक्ट्री ब्लास्ट में 40 लोगों की मौत आदि। यह सिलसिला लगातार चलता रहेगा।
ग्रह गोचर और योग: उपरोक्त सभी घटनाओं में निम्नलिखित ग्रह गोचर और योग को माना जा रहा है। 29 मार्च को शनि ने मीन में गोचर करके पिशाच योग का निर्माण किया तभी से देश और दुनिया के हालात बदल गए है। 14 मई से बृहस्पति मिथुन राशि में अतिचारी हुए हैं जो 8 वर्षों तक अतिचारी रहेंगे। 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग था और अब 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बना रहेगा। 18 मई से 7 जून तक मंगल और राहु का षडाष्टक योग था। मंगल और केतु की सिंह राशि में 7 जून से युति बनी है। इसे कुंज केतु योग कहते हैं। इसके अलावा 7 जून से 28 जुलाई तक के लिए शनि और मंगल का षडाष्टक योग बना है। इसके बाद फिर से 7 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच पुन: खप्पर योग बनेगा। इस बीच भारत पर किसी प्रकार की विपदा आ सकती है। ऐसे में भारत को 7 कार्य कंप्लीट करके रखना होगा अन्यथा मुश्किल में समय रहेगा।
अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना: खप्पर योग और कुंजकेतु योग को सबसे खतरनाक माना जाता रहा है। यह आग से मौतों को जन्म देता है। अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास मेघाणी नगर इलाके में 12 जून 2025 बृहस्पतिवार को दोपहर एयर इंडिया का एक विमान गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें विमान के 241 और भूमि के 34 लोग मारे गए थे। उस दौरान 3 खतरनाक योग चल रहे थे। पहला तो 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग बन रहा था। 7 जून से 28 जुलाई तक के लिए शनि और मंगल का षडाष्टक योग जो अभी भी चल रहा है। तीसरा 7 जून से 28 जुलाई तक मंगल और केतु का कुंज केतु योग बना है। यह घटना शनि के षडाष्टक योग और मंगल के कुंजकेतु योग में घटी थी। 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बना है।
7 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच क्या होने वाला है?: कई विद्वान ज्योतिषियों का मानना है कि पंचांग में 7 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच कार्तिक माह में पुन: 5 मंगलवार होने, 21 अक्टूबर को भौमवती अमावस्या होने के कारण विश्व में कहीं पर भी हवाई दुर्घटना, प्लेन हाईजैक, आतंकवादी घटना और युद्धोन्मादि घटनाएं घटित होने की संभावना है। इसी दौरान किसी देश या विश्व के प्रमुख नेता के लिए यह समय अष्टिकारक साबित होगा, यानी किसी बड़े नेता की मौत होने की प्रबल संभावना है।
बृहत्पाराशर होरा शास्त्र के अनुसार-
मङ्गलेन केतुसंयुक्ते क्रूरभावे च संस्थिते।
यन्त्रविघ्नं, अग्निहेतुं, प्राणहानिं च दर्शयेत्॥
शास्त्रों में मंगल को यंत्रों, इंजन और ऊर्जा का कारक बताया गया है, जबकि केतु उन्हें दिशाहीन, अनियंत्रित और अंध गति प्रदान करता है। मंगल युद्द और केतु मोक्ष को प्रदान करता है।
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