पानी पीने के लिए किस तरह के पात्र का उपयोग करना चाहिए और किस पात्र में पानी पीने से क्या होगा यह जानना जरूरी है, क्योंकि जल से ही आपका जीवन संचालित होता है। इसी से रोग और इसी से निरोगी हुआ जा सकता है। अत: जानिए कि किस गिलास में पानी पीने से क्या होगा।
चांदी के बर्तन जिस घर में होते हैं वहां सुख, वैभव और संपन्नता आती है। अत: घर में पीतल, तांबा और चांदी के ही बर्तन होना चाहिए। लोहे, प्लास्टिक या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
चांदी का गिलास :
1.चांदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है।
2.चांदी के चम्मच से शहद खाने से शरीर विषमुक्त होता है।
3 एकादश भाव में स्थित राहु तथा पंचम भाव में विराजमान केतु हेतु चांदी के गिलास में पानी पीएं।
4.यदि संभव हो तो हमेशा चांदी के बर्तन में पानी पीएं। चांदी बर्तन ना हो तो गिलास में पानी भरें और उसमें चांदी की अंगुठी डालकर पानी पीएं। यह प्राचीन, सरल और बहुत चमत्कारी तांत्रिक उपाय है। इससे धन संबंधी मामलों में राहत मिलती है।
पीतल का गिलास :
1. पीतल के बर्तन में पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
2. पीतल के बर्तन में पानी पीने से गुरुत्व का बल बढ़ता है।
3. पीतल के बर्तन में पानी पीने से पाचन तंत्र सुधरता है।
4. यदि आपकी गुरु कमजोर है तो पीतल के बर्तन का भोजन के लिए भी उपयोग करें।
तांबे का गिलास :
1. तांबे के गिलास में पानी पीने से शरीर के दूषित पदार्थ यूरिन और पसीने से बाहर निकलते हैं।
2. ब्लड प्रेशन नियंत्रित रहता है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
3. तांबे के गिलास में पानी पीने से पेट संबंधी विकार भी दूर होते हैं।
4. तांबा पानी को शुद्ध करने के साथ ही शीतल भी करता है।
5. तांबे के गिलास में पानी पीने से त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं।
6. तांबे का पानी लीवर को स्वस्थ रखता है।
अन्य गिलास
1. प्लास्टिक के गिलास में पानी पीने से सेहत संबंधी कई तरह के नुकसान होते हैं।
2. कांच के गिलास में पानी पी सकेत हैं परंतु इसका कोई फायदा नहीं। ये बर्तन पानी को स्टोर करने के लिए सही माने जाते हैं।
3. कांच और स्टील के बर्तन में गुनगुना या गर्म पानी पीने से सेहत संबंधी कई तरह के नुकसान होते हैं।
4. स्टील को लोहा माना जाता है। लोहा शनी ग्रह का कारण है। इसमें भी पानी पीने का कोई फायदा नहीं होता है।