-राजश्री कासलीवाल
मंगल/ भौम प्रदोष व्रत : जब मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि का योग बनता है, तब यह व्रत रखा जाता है। मंगल ग्रह का ही एक अन्य नाम भौम है। यह व्रत हर तरह के कर्ज से छुटकारा दिलाता है। हमें अपने जीवन में कई बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धन रुपयों-पैसों का कर्ज लेना आवश्यक हो जाता है।
तब आदमी कर्ज/ऋण तो ले लेता है, लेकिन उसे चुकाने में उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में कर्ज संबंधी परेशानी दूर करने के लिए भौम प्रदोष व्रत अधिक लाभदायी सिद्ध होता है। इसके साथ ही हमें जीवन के हर क्षेत्र में मंगलकारी परिणाम प्राप्त करने के लिए मंगल प्रदोष के दिन विशेष तौर पर मंगल ग्रह/ देवता के 21 नामों का उच्चारण अवश्य ही करना चाहिए।
हमारे पौराणिक शास्त्रों में मंगल के स्वभाव को उजागर करने वाले उनके मंगलकारी 21 नामों का भी उल्लेख किया गया है। अत: भौम प्रदोष तिथि के दिन हमें पूजन करते समय इन 21 नामों को पढ़ना चाहिए तथा व्रत के साथ-साथ मंगल प्रदोष की कथा का वाचन अवश्य करना चाहिए।
आइए जानें इस दिन कैसे करें पूजन :-
* हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इसमें मंगलवार और शनिवार को आने वाले प्रदोष तिथि का विशेष महत्व माना गया है।
* भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इससे जातक के जीवन में मंगल ग्रह के कारण मिलने वाले अशुभ प्रभाव में कमी आती है।
* अगर मंगलवार के दिन प्रदोष तिथि आती है, तो इसका महत्व अधिक बढ़ जाता है तथा कर्ज से मुक्ति के लिए इस दिन शाम के समय किया गया हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायी सिद्ध होता है।
* इस दिन मंगल देव के 21 या 108 नामों का पाठ करने से ऋण से जातक को जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
* इस व्रत-पूजन से मंगल ग्रह की शांति भी हो जाती है।
* मंगल ग्रह की शांति के लिए इस दिन व्रत रखकर शाम के समय हनुमान और भोलेनाथ की पूजा की जाती है।
* इस दिन हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करके बजरंग बली को बूंदी के लड्डू अर्पित करके उसके बाद व्रतधारी को भोजन करना चाहिए।
* भौम प्रदोष का व्रत बहुत प्रभावकारी माना गया है। जहां एक ओर भगवान शिव व्रतधारी के सभी दुःखों का अंत करते हैं, वहीं मंगल देवता अपने भक्त की हर तरह से मदद करके उसे उस बुरी स्थिति से बाहर निकालने में उसकी मदद करते हैं।
पढ़ें ये मंगलकारी 21 नाम :-
1. मंगल,
2. भूमिपुत्र,
3. ऋणहर्ता,
4. धनप्रदा,
5. स्थिरासन,
6. महाकाय,
7. सर्वकामार्थ साधक,
8. लोहित,
9. लोहिताक्ष,
10. सामगानंकृपाकर,
11. धरात्मज,
12. कुंजा,
13. भूमिजा,
14. भूमिनंदन,
15. अंगारक,
16. भौम,
17. यम,
18. सर्वरोगहारक,
19. वृष्टिकर्ता,
20. पापहर्ता,
21. सर्वकामफलदाता।
हर व्यक्ति ऋण/ कर्ज से मुक्ति के लिए हर तरह की कोशिश करता है किंतु कर्ज की यह स्थिति व्यक्ति को तनाव से बाहर नहीं आने देती। इस स्थिति से निपटने के लिए मंगलवार का भौम प्रदोष व्रत बहुत सहायक सिद्ध होता है।