rashifal-2026

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Bhavishya malika: पाकिस्तान और सऊदी अरब में NATO जैसा करार, क्या भविष्य मालिका की भविष्‍यवाणी होगी सच?

Advertiesment
हमें फॉलो करें भविष्य मालिका पुराण की भविष्यवाणियां

WD Feature Desk

, शुक्रवार, 19 सितम्बर 2025 (11:53 IST)
Bhavishya malika in hindi: हाल ही में पाकिस्तान और सऊदी अरब ने NATO की तर्ज पर एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत दोनों में से किसी एक देश पर आक्रमण को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इससे यह सिद्ध हो चला है कि तुर्की, अजरबैजान, बांग्लादेश के बाद अब साऊदी अरब ने भी भारत का साथ छोड़ दिया है। ईरान जैसे शिया देश वर्तमान में दुविधान में हैं। हालांकि सुन्नी मुस्लिम जगत धर्म के नाम पर एकजुट होकर NATO जैसा संगठन बना रहा है। ऐसे में भविष्‍य मालिका की भविष्‍यवाणी फिर से वायरल होने लगी है जिसमें भारत पर 13 मुस्लिम देशों द्वारा आक्रमण करने की बात कही गई है।
 
ओड़िसा के पांच प्रमुख संतों में से एक अच्युतानंद दास के नाम से इंटरनेट पर कई भविष्‍यवाणियां वायरल हो रही है। कहते हैं कि भविष्‍य मालिका नामक किताब में उनकी भविष्‍यवाणियों को संकलित किया गया। भविष्य मालिका के नाम पर वर्तमान में कई लोगों द्वारा ग्रंथ लिखे गए हैं और उनमें से एक है भविष्य मालिका पुराण। इसके लेखक है कथावाचक पंडित काशीनाथ मिश्र जी। इन्हीं की संकलित किताब की भविष्‍यवाणियां ज्यादा वायरल हो रही है। इसमें लिखा है कि 13 मुस्लिम देशों का संगठन बनेगा जो भारत पर हमला करेगा।
 
कौन है अच्युतानंद दास: ओड़िसा के पांच प्रमुख संतों में से एक अच्युतानंद दास का जन्म 10 जनवरी 1510 को ओड़ीसा के जगन्नाथ पुरी में हुआ था और उनका निधन 1631 में हुआ था। संत अच्युतानंद दास जी ने हरिवंश, केबार्ता गीता, गोपलंकाओगलाब, गुरु भक्ति गीता, अनाकार संहिता, 46 पटल आदि शामिल है। उन्होंने भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्यकाल पर अलग अलग रचनाएं भी की हैं जिन्हें मालिका के नाम से जाना जाता है। भविष्यकाल पर की गई रचना को भविष्य मालिका कहने लगे हैं कहते हैं कि संत अच्युतानंद दास ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर को केंद्र में रखकर कई भविष्‍यवाणियां की है। हालांकि उनकी भविष्‍यवाणी की पुस्तक कहां है और किसके पास है यह कोई नहीं जानता फिर भी उनकी भविष्यवाणियां सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। वायरल हो रही भविष्यवाणी तीसरे विश्‍व युद्ध और भारत पर चीन करेगा 13 मुस्लिम देशों के साथ मिलकर आक्रमण ऐसी भविष्‍यवाणी भी वायरल हो रही है।
भविष्य मालिका पुराण की भविष्यवाणियां:-
1. कथावाचक पंडित काशीनाथ मिश्र जी द्वारा संकलित भविष्य मालिका पुराण के अनुसार 13 दिनों के पक्ष के बाद 29 मार्च 2025 में जब शनि मीन योग पड़ेगा तब यह समय एक विभीषिका के समान होगा। शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे। ढाई वर्ष तक अराजकता रहेगी। 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक शनि मार्गी और वक्री होकर मीन राशि में रहेंगे। तब जनता त्राहि-त्राहि करने लगेगी। फिर 23 फरवरी 2028 से 17 अप्रैल 2030 तक शनि मेष राशि में रहेंगे। इसी दौरान महाविनाश का दौर खत्म हो जाएगा और एक नए युग का प्रारंभ होगा।
 
2. भविष्य मालिका पुराण में लिखा है कि पाकिस्तान और चीन मिलकर भारत के साथ युद्ध करेंगे। पाकिस्तान को तुर्की, ईरान, ब्रिटिश, अमेरिका और 13 मुस्लिम देशों की तरफ से अस्त्र, शस्त्र सैन्य,अर्थ सब प्रकार का सहयोग मिलेगा। जिस समय तृतीय विश्व युद्ध होगा एक तरफ से भारत रहेगा दूसरी तरफ से चीन, पाकिस्तान, तुर्की, अमेरिका, ईरान, और 13 मुस्लिम देश लड़ रहे होंगे। उसी समय रूस, भारत को सहयोग करेगा। रूस और भारत मिलकर शत्रु देश के सैनिकों के साथ डटकर लड़ेगा।
 
3. शनि मीन योग में एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा। वही संपूर्ण क्षत्रप होगा। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा। भारत का आखिरी राजा एक शक्तिशाली हिन्दू राजा होगा, जो योगी पुरुष होगा और जिसकी कोई संतान नहीं होगी। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा। 
4. जब गगन गादी पर होंगे और उड़ीसा के दिव्य सिंह राजा गादी पर होंगे तब भारत पर आक्रमण होगा। 13 मुस्लिम देश चीन के साथ मिलकर आक्रमण करेंगे। तीसरा विश्वयुद्ध 6 साल 6 माह तक चलेगा। आखिरी के 13 माह भारत युद्ध में शामिल होगा और यह भारत की लड़ाई होगी। भारत की इसमें विजय होगी। भारत सदा के लिए अपने दुश्मनों को न सिर्फ खत्म कर देगा बल्कि विश्व गुरु भी बन जाएगा।
 
डिस्क्लेमर : उपरोक्त जानकारी विभिन्न स्रोत पर आधारित है। इसकी आधिकारिक पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है।  
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में चतुर्दशी तिथि के श्राद्ध का महत्व, विधि, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां