बांदा एक दुर्लभ वनस्पति है। बांदा एक परजीवी पौधा होता है जो भूमि में ना उग कर किसी पेड़ पर उगता है। यूं तो यह आपको यदा-कदा दिखाई दे जाएगा लेकिन कुछ विशेष पेड़ों पर 'बांदा' दिखाई देना दुर्लभ होता है। वनस्पति शास्त्र में इन विशेष पेड़ों जैसे पीपल, बरगद, बेर, अनार, गूलर, नीम, आम, बिल्व इत्यादि का बांदा चमत्कारिक प्रभाव वाला होता है। यह बांदा यदि विशेष नक्षत्र व मुहूर्त में पूर्ण शास्त्रोक्त विधि से प्राप्त कर लिया जाए तो यह आशातीत लाभ प्रदान करता है।
बरगद का बांदा
बरगद का बांदा आद्रा नक्षत्र में प्राप्त कर सिद्ध कर धारण करने से सर्वत्र विजय होती है। यह बांदा शत्रु दमन कर धारण करने वाली की सदैव रक्षा करता है।
गूलर का बांदा
गूलर का बांदा रोहिणी नक्षत्र में प्राप्त कर सिद्ध कर अपनी तिजोरी में रखने से सदा धन-धान्य की वृद्धि होती है।
आम का बांदा
आम का बांदा रवि-पुष्य संयोग में प्राप्त कर सिद्ध कर अपने घर में स्थापित करने से सभी कार्यों में विजय व सफ़लता प्राप्त होती है।
अनार का बांदा
अनार का बांदा पूर्वाफ़ाल्गुनी नक्षत्र में प्राप्त एवं सिद्ध कर अपने घर में रखने से धन की वृद्धि होती है और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है।
पीपल का बांदा
पीपल का बांदा अश्विनी नक्षत्र में प्राप्त कर सिद्ध कर लेने से दुर्भाग्य दूर होता है जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
बरगद का बांदा
बरगद का बांदा अश्विनी नक्षत्र में प्राप्त कर इसका विधिवत व आयुर्वेद सम्मत सेवन करने से रोग नष्ट होते हैं।
बेर का बांदा
बेर का बांदा स्वाति नक्षत्र में प्राप्त कर उसे सिद्ध कर लाल रेशमी वस्त्र के साथ शरीर पर धारण करने से वशीकरण क्षमता आती है।
नीम का बांदा
नीम का बांदा ज्येष्ठा नक्षत्र में प्राप्त कर सिद्ध कर विधिपूर्वक प्रयोग करने से शत्रु दमन होता है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया