ज्योतिष के अनुसार कृष्ण चतुर्थी को जन्म लेने वाला जातक कई परेशानियों से सामना करता है, लेकिन वह अपने आत्मबल से जीत हासिल कर लेता है। आओ जानते हैं कि कृष्ण चतुर्थी के बारे में क्या मान्यता है।
चतुर्थी को 6 भागों में बांटा गया है। प्रथम भाग में जन्म होने पर शुभ होता है, द्वितीय भाग में जन्म हो तो पिता का नाश, तृतीय भाग में जन्म हो तो माता का नाश, चतुर्थ भाग में जन्म हो तो मामा का नाश, पंचम भाग में जन्म हो तो कुल का नाश, छठे भाग में जन्म हो तो धन का नाश या जन्म लेने वाले स्वयं का नाश होता है।
यह ज्योतिष की मान्यता के अनुसार सार है लेकिन इसमें सिर्फ चतुर्थी के जन्म पर आधारित उपरोक्त वर्णन नहीं है। कुंडली को देखकर ही सभी तय किया जा सकता है। फिर भी जान लें उपाय।
उपाय : इस दोष के निवारण के लिए भगवान गणेश की पूजा करें या सोमवार का व्रत रखकर शिवजी की पूजा करें। हनुमान चालीसा पढ़ें या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहें। यह जरूरी है कि दक्षिणमुखी मकान को छोड़ दें।