Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोते हैं, जानिए 10 भयानक नुकसान

हमें फॉलो करें दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोते हैं, जानिए 10 भयानक नुकसान

अनिरुद्ध जोशी

Astrology : भारतीय ज्योतिष, वास्तु और हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार, दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर करने नहीं सोना चाहिए। इस दिशा में पैर करने सोने से शारीरिक और मानसिक क्षरण होने की बात कई जाती है। आओ जानते हैं कि दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर करके सोने के भयानक 10 नुकसान।
 
 
1. ऊर्जा का क्षरण : दरअसल, पृथ्वी के दोनों ध्रुवों उत्तरी (North pole) तथा दक्षिण ध्रुव (South pole) में चुम्बकीय प्रवाह (Magnetic flow) होता है। उत्तरी ध्रुव पर धनात्मक (+) प्रवाह तथा दक्षिणी ध्रुव पर ऋणात्मक (-) प्रवाह होता है। उसी तरह मानव शरीर में भी सिर में धनात्मक (+) प्रवाह तथा पैरों में ऋणात्मक (-) प्रवाह होता है। विज्ञान के अनुसार दो धनात्मक (+) ध्रुव या दो ऋणात्मक (-) ध्रुव एक दूसरे से दूर भागते हैं। अत: यदि आप दक्षिण में पैर करके सोते हैं तो आपके स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक साबित होता है। इससे आपकी ऊर्जा का क्षरण होगा। उर्जा के अतिरिक्क्त निष्कासन से आपकी मानसिक स्थिति भी बिगड़ सकती है। दक्षिण दिशा में दक्षिणी ध्रुव है जिसका नकारात्मक प्रभाव बना रहता है। दक्षिण दिशा से अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ज्यादा रहता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं है।
 
2. इस दिशा में पैर करके रखा जाता है शवों को : दक्षिण दिशा में पैर और उत्तर दिशा में सिर- यह ऐसी पोजिशन है जिसमें शवों को रखा जाता है। इसलिए कि उसकी संपूर्ण ऊर्जा बाहर निकल जाए। दक्षिण में यम, यमदूतों और दुष्टों का निवास होता है।
 
2. निराशा और आलस्य की अधिकता : विज्ञान की दृष्टिकोण से देखा जाए तो पृथ्वी के दोनों ध्रुवों उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में चुम्बकीय प्रवाह विद्यमान है। दक्षिण में पैर रखकर सोने से व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा का क्षय होने से जब व्यक्ति सुबह उठता है तो थकान महसूस करता है। लगातर यह स्थिति बनी रहने से व्यक्ति के निराशा वाले भाव निर्मित हो जाते हैं।
 
3. नींद की कमी : उत्तर दिशा की ओर धनात्मक प्रवाह रहता है और दक्षिण दिशा की ओर ऋणात्मक प्रवाह रहता है। हमारा सिर का स्थान धनात्मक प्रवाह वाला और पैर का स्थान ऋणात्मक प्रवाह वाला है। यह दिशा बताने वाले चुम्बक के समान है कि धनात्मक प्रवाह वाले आपस में मिल नहीं सकते।
 
हमारे सिर में धनात्मक ऊर्जा का प्रवाह है जबकि पैरों से ऋणात्मक ऊर्जा का निकास होता रहता है। यदि हम अपने सिर को उत्तर दिशा की ओर रखेंगे तो उत्तर की धनात्मक और सिर की धनात्मक तरंग एक दूसरे से विपरित भागेगी जिससे हमारे मस्तिष्क में बेचैनी बढ़ जाएगी और फिर नींद अच्छे से नहीं आएगी। लेकिन जैसे तैसे जब हम बहुत देर जागने के बाद सो जाते हैं तो सुबह उठने के बाद भी लगता है कि अभी थोड़ा और सो लें। जबकि यदि हम दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोते हैं तो हमारे मस्तिष्क में कोई हलचल नहीं होती है और इससे नींद अच्छी आती है। अत: उत्तर की ओर सिर रखकर नहीं सोना चाहिए। दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से हमारे शरीर की ऊर्जा को दक्षिणी ध्रुव खींच लेता है।
 
4. ऊर्जा के बहाव के विपरीत सोना अशुभ : पश्चिम दिशा में सिर रखकर नहीं सोते हैं क्योंकि तब हमारे पैर पूर्व दिशा की ओर होंगे जो कि शास्त्रों के अनुसार अनुचित और अशुभ माने जाते हैं। पूर्व में सूर्य की ऊर्जा का प्रवाह भी होता है अत: यह ऊर्जा के प्रवाह नियम के विरुद्ध भी है। संपूर्ण जीवन पूर्व से पश्चिम की ओर बह रहा है। सूर्य पूर्व से उदय होकर पश्चिम में अस्त होता है। उर्जा की इस धारा के विपरीत प्रवाह में सोना अच्छा नहीं अर्थात पूर्व की ओर पैर करके सोना अच्छा नहीं माना जाता। 
webdunia
5. नकारात्मक विचारों का संचार : लगातार दक्षिण या पूर्व दिशा में पैर रखकर सोने से व्यक्ति के जीवन में निराशा, भय, आशंका, आलस्य, बुरे स्वपन जैसे नकारात्मक विचार का संचार होता है। अंतत: व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में खुद को असफल ही पाता है। आपको यह याद रखना चाहिए भरपूर ऊर्जा से ही जीवन में उत्साह और सकारात्मक विचारों का प्रभाव पैदा होता है। यही सफलता का अधार भी है।
 
6. बनी रहती है चिंता : पूर्व में देव-देवताओं का निवास स्थान भी माना गया है। पूर्व दिशा में पैर करके सोने से सूर्य देव का अपमान होता है। पूर्व की ओर पैर करके सोने से जीवन में चिंता बनी रही हैं। 
 
7. हो जाता है स्मृति भ्रम : दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से हानि, स्मृति भ्रम, मृत्यु और रोग का भय रहता है।
 
8. मंगल की दिशा है दक्षिण : दक्षिण दिशा में मंगल ग्रह है। मंगल ग्रह एक क्रूर ग्रह है। इस दिशा में पैर करके सोने से भी मंगल दोष उत्पन्न होने की संभावना रहती है।
 
9. रक्त संचार पर पड़ता है असर : दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है और कान में हवा भरती है। इसीलिए दक्षिण दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए।
 
10. शारीरिक रोग : लगातार दक्षिण या पूर्व में पैर करके सोने से अपच सहित कई गंभीर शारीरिक रोग का क्रमिक विकास होने लगता है। 
 
पूर्व और दक्षिण में सिर रखकर सोने के लाभ Benefits of sleeping with your head in East and South:
 
1. ज्योतिषानुसार सूर्य देव की ओर सिर करके सोने से मानसिक और स्वास्थ्य लाभ मिलता है
 
2. आचारमयूख पुस्तक के अनुसार उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से शांति, सेहत, समृद्धि, धन और आयु की प्राप्ति होती है। 
 
3. पश्‍चिम की ओर पैर करके सोने से विद्या की प्राप्ति होती है। 
 
4. पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने से ज्ञान में बढ़ोतरी होती है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

11 जनवरी 2023 : बुधवार, आज किसे मिलेगा रोजगार, व्यापार में होगा धनलाभ, पढ़ें 12 राशियां