Lakshmi poojan muhurat 2023 : महालक्ष्मी पूजन स्थिर लग्न में अति उत्तम रहता है। इससे स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। वृष, सिंह, वृश्चिक व कुम्भ स्थिर लग्न होती है। इस वर्ष के स्थिर लग्न मुहूर्त निम्न है-
स्थिर लग्नानुसार-
अपराह्न- 1:24 से 2:55 तक (कुम्भ लग्न)
सायंकाल- 6:00 से 7:57 तक (वृषभ लग्न)
चौघड़िया अनुसार-
दिवसकालीन-
प्रात:- 9:00 से 10:30 (लाभ)
अपराह्न- 10:30 से 12:00 (अमृत)
सायंकालीन-
सायं- 5:35 से 7:12 बजे तक (शुभ)
सायं- 7:12 से 8:49 बजे तक (अमृत)
सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त-
सायंकाल-6:00 से 7:57 तक
क्या करें-
स्नान- प्रातःकाल
देव पूजन- स्नान के उपरांत
पितृ पूजन- दोपहर
ब्राह्मण भोजन- दोपहर
महालक्ष्मी पूजन- प्रदोष काल में
दीपदान- प्रदोष काल में
मशाल दर्शन- सायंकाल
दीपमाला प्रज्ज्वलन- सायंकाल
पूजन सामग्री- रोली, मौली, पान, सुपारी, अक्षत, धूप, घी का दीपक, तेल का दीपक, खील, बताशे, श्रीयंत्र, शंख (दक्षिणावर्ती हो तो अतिउत्तम), घंटी, चंदन, जलपात्र, कलश, लक्ष्मी-गणेश-सरस्वती जी का चित्र या विग्रह, पंचामृत, गंगाजल, सिंदूर, नैवेद्य, इत्र, जनेऊ, श्वेतार्क पुष्प, कमल का पुष्प, वस्त्र, कुमकुम, पुष्पमाला, फल, कर्पूर, नारियल, इलायची, दूर्वा।
बाईं ओर रखें-
जलपात्र, घंटी, धूप, तेल का दीपक।
दाईं ओर रखें-
घी का दीपक, जल से भरा शंख,
सामने रखें-
चंदन, रोली, पुष्प, अक्षत व नैवेद्य।
तत्पश्चात विधिवत् पूजन करें।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र