भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को डोल ग्यारस मनाई जाती है। इसे पद्मा एकादशी, जलझूलनी एकादशी और वामन एकादशी भी कहा जाता है। शास्त्रों में इस एकादशी का सर्वाधिक महत्व है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और उनके आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है इस दिन माता यशोदा ने जलवा पूजन किया था। इसे परिवर्तनी एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि चातुर्मास के दौरान अपने शयनकाल में इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं।
डोल ग्यारस के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की भी पूजा की जाती है, क्योंकि इसी दिन राजा बलि से भगवान विष्णु ने वामन रूप में उनका सर्वस्व दान में मांग लिया था एवं उसकी भक्ति से प्रसन्न् होकर अपनी एक प्रतिमा राजा बलि को सौंप दी थी, इसी वजह से इसे 'वामन एकादशी" भी कहा जाता है। यह पद्मा एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है। पद्मा माता लक्ष्मी का एक नाम है। इस दिन जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है उस पर मां लक्ष्मी अपना संपूर्ण वैभव लुटा देती है।
क्या है महत्व
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को करने से वाजपेय यज्ञ के समान फल मिलता है। इससे जीवन से समस्त संकटों, कष्टों का नाश हो जाता है और व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत मोक्ष प्राप्त हो जाता है। वह सीधा भगवान विष्णु के परम लोक बैकुंठ चला जाता है। जीवन में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, पद, धन-धान्य की प्राप्ति के लिए यह एकादशी प्रत्येक मनुष्य को करना चाहिए।
उपाय
जीवन में आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में एक साबुत श्रीफल और सवा सौ ग्राम साबुत बादाम चढ़ाएं।
यदि आपको बार-बार कर्ज लेने की नौबत आती है। लाख कोशिशों के बाद भी कर्ज नहीं उतर पा रहा है तो इस एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में शक्कर डालकर जल अर्पित करें और शाम के समय पीपल के नीचे दीपक लगाएं।
इस एकादशी की रात्रि में अपने घर में या किसी विष्णु मंदिर में भगवान श्रीहरि विष्णु के सामने नौ बत्तियों वाला रात भर जलने वाला दीपक लगाएं। इससे आर्थिक प्रगति तेजी से होने लगती है। सारा कर्ज उतर जाता है और व्यक्ति जीवन सुख-सौभाग्य से भर जाता है।
इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करते समय कुछ सिक्के उनके सामने रखें। पूजन के बाद ये सिक्के लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने पर्स या तिजोरी में हमेशा रखें। इससे आपके धन के भंडार भरने लगेंगे। यह उपाय खासकर व्यापारियों को अवश्य करना चाहिए।
जिन युवक-युवतियों का विवाह नहीं हो पा रहा है वे इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पीले पुष्पों से श्रृंगार करें। उन्हें सुगंधित चंदन लगाएं और इसके बाद बेसन की मिठाई का नैवेद्य लगाएं। शीघ्र विवाह होगा।