शत्रुता एक अभिशाप है। जीवन में यदि किसी से शत्रुता हो तो व्यक्ति का जीवन कष्टप्रद व्यतीत होता है। कुछ व्यक्तियों के जीवन में छोटी-छोटी बातों पर शत्रुता हो जाती है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका में वे कौन सी ग्रहस्थितियां होती हैं जिनके कारण जातक के जीवन में शत्रुता होती है।
- जन्मपत्रिका के छठे भाव से शत्रुता का विचार किया जाता है। यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में छ्ठे भाव का अधिपति शुभ भाव में अथवा लाभ भाव में स्थित हो व छ्ठे भाव में शुभ ग्रह स्थित हों या छठे भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो ऐसे जातक के शत्रु अधिक होते हैं। जीवन पर्यंत उनकी किसी ना किसी से शत्रुता बनी ही रहती है।
-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया