25 नवंबर से धनु राशि में एक दुर्लभ संयोग बना हुआ है। धनु राशि में एक साथ 4 ग्रह स्थित हैं। इस वजह से चतुर्ग्रही योग निर्मित हुआ है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब जब चतुर्ग्रही योग बनता है तो इसका असर सभी राशियों पर होता है। शनि, केतु और बृहस्पति पहले से ही धनु राशि में है ऐसे में शुक्र के धनु राशि में आने से चार ग्रहों के एक ही राशि में युति बन रही है।
धनु में चार ग्रहों की युति बन रही है जिसमें शनि,केतु, शुक्र और बृहस्पति होंगे। शनि और केतु के धनु राशि में होने से अशुभ परिणाम मिलता है जबकि शुक्र और बृहस्पति के धनु राशि में आने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है।
इन 4 ग्रहों की ऐसी युति 15 दिसंबर 2019 तक रहेगी। इसके बाद 2 और ग्रह धनु राशि में आ जाएंगे जिससे ग्रहों की संख्या चार से बढ़कर 6 हो जाएगी। 25 दिसंबर 2019 को चंद्रमा और बुध धनु राशि में गोचर करेगा। दो दिन बाद यानि 28 दिसंबर को चंद्रमा के मकर राशि में जाने से धनु राशि में 5 ग्रह ही रहेंगे।
चतुर्ग्रही योग का असर
ज्योतिष शास्त्र में जब भी दो या दो से अधिक ग्रह एक ही राशि में प्रवेश करते हैं तो इस दौरान कई तरह की अप्रत्याशित घटनाएं होने लगती है। चतुर्ग्रही योग की वजह से प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं।
चतुर्ग्रही योग का राशियों पर असर
4 राशियों पर शुभ असर- मेष, कर्क, वृश्चिक, कुंभ
4 राशियों पर अशुभ असर- वृषभ, मिथुन, धनु और मकर राशि के जातकों के लिए चतुर्ग्रही योग अनुकूल नहीं रहेगा
4 राशियों पर मिलाजुला असर- सिंह, कन्या, तुला और मीन