Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

साल की पहली संकष्टी चतुर्थी आज, जानें महत्व, विधि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त

हमें फॉलो करें साल की पहली संकष्टी चतुर्थी आज, जानें महत्व, विधि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त
Sankashti Chaturthi 2021
नए वर्ष 2021 का आगाज हो गया है। साल का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत शनिवार, 02 जनवरी 2021 को रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी एक बेहद खास तिथि है। इस दिन श्री गणेश की उपासना करने का विधान है। इस समय हर कोई कोरोना वायरस की महामारी से परेशान है, ऐसे में अगर आप भी जीवन में कष्‍टों का अनुभव कर रहे हैं, तो उनके लिए यह दिन बेहद मायने रखता है। इस दिन चतुर्थी व्रत करके दान-दक्षिणा देने से श्री गणेश समस्त कामनाओं की पूर्ति कर जन्म-मृत्यु के कष्टों का नाश करके दिव्य लोक में स्थान दे देते हैं। 
 
संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से चंद्रोदय होने तक उपवास रखने का नियम है। कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना सुख-सौभाग्य की दृष्टि से श्रेष्ठ है। इस दिन श्री गणेश का व्रत और पूजन करके आप जीवन की हर तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं। आइए जानें कैसे करें पूजन- 
 
संकष्टी चतुर्थी व्रत कैसे करें- 
 
* चतुर्थी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
 
* इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
 
* श्री गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें।
 
* तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें।
 
* फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्री गणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
 
* गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्री गणेश की आराधना करें।
 
* श्री गणेश को फल, तिल से बनी वस्तुओं, लड्‍डू तथा मोदक का भोग लगाएं औा प्रार्थना करें कि 'ॐ सिद्ध बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है।'
 
* सायंकाल में व्रतधारी संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पढ़े अथवा सुनें और सुनाएं।
 
* चतुर्थी के दिन व्रत-उपवास रख कर चंद्र दर्शन करके गणेश पूजन करें। 
 
* तत्पश्चात श्री गणेश की आरती करें।
 
* विधिवत तरीके से गणेश पूजा करने के बाद गणेश मंत्र 'ॐ गणेशाय नम:' अथवा 'ॐ गं गणपतये नम: का 108 बार अथवा एक माला करें। 
 
* इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान करें। 
 
* इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाई जाती है, क्योंकि दुर्वा में अमृत का वास माना गया है। इस दिन श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करने से स्वास्थ  लाभ मिलता है और सभी पापों का अंत होता है। संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए भी यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। 
 
संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त- 
 
संकष्टी चतुर्थी व्रत में सुबह और शाम के समय पूजा की जाती है। वर्ष 2021 में पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत का पूजन का आरंभ शनिवार सुबह सुबह 05.24 मिनट से होकर सुबह 06.21 मिनट पर समाप्ति होगी। संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन शाम की पूजा का समय 05.35 मिनट से शुरू होकर 06.57 मिनट तक रहेगा। 
 
चंद्रोदय का समय- 
 
संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 8.34 मिनट पर रहेगा। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को पूर्ण करें।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

2 जनवरी 2021 : इन 5 राशियों के लिए प्रसन्नता भरा रहेगा आज का दिन, पढ़ें अपनी राशि