चंद्रग्रहण 2018: जानिए क्यों खास है 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण
21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 27 जुलाई 2018 यानी आज है। यह चंद्रग्रहण विशेष रोमांचक भी है और खतरनाक भी। आषाढ़ पूर्णिमा यानि 27 जुलाई 2018 दिन शुक्रवार को पूरे एशिया, यूरोप के ज्यादा हिस्सों में यह पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भूगोलशास्त्र में रूचि रखने वाले लोग शाम 6 बजे से इसे देख सकेंगे। यह चंद्रग्रहण साल 2018 का दूसरा चंद्र ग्रहण है।
इससे पहले 31 जनवरी को साल का पहला चंद्र ग्रहण था तो तीन घंटे 23 मिनट तक चला था। इस चंद्रग्रहण को ब्लड मून, ब्लू मून और सुपर मून का नाम दिया गया था।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रग्रहण के समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण के 12 घंटे पहले से सूतक लग जाते हैं। इस दिन गुरु पूर्णिमा पूजा ग्रहण के सूतक काल लगने से पहले की जा सकती है।
क्यों लगता है पूर्ण चंद्रग्रहण
खग्रास चंद्रग्रहण का संयोग कभी-कभी ही देखने को मिलता है। पूर्ण चंद्रग्रहण तब देखने को मिलता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाएं। चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य जब एक ही रेखा में होते हैं और चंद्रमा पृथ्वी के पीछे गुजर रहा होता है।
इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से निकल रहा होता है तो यह हल्के लाल रंग का दिखता है जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में ब्लड मून कहते हैं।
इस बार का चंद्रग्रहण बेहद खास है। क्योंकि पृथ्वी पूरे जुलाई-सितंबर में सूर्य और मंगल के बीच से होकर गुजर रही है। 27 जुलाई को मंगल अच्छी स्थिति में होगा। चंद्रग्रहण पर मंगल का ऐसा संयोग 15 साल बाद बना है। इस चंद्रग्रहण पर मंगल पृथ्वी से सबसे नजदीक और साफ दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण शाम 7:30 बजे से शुरू होकर रात 9:13 मिनट तक रहेगा। इसी के साथ श्रावण मास की शुरूआत भी हो जाएगी।
ऐसे करें गुरु पूर्णिमा पूजा
सुबह नहा-धोकर घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु या अपने गुरु का चित्र सामने रखकर पूजा करनी चाहिए और उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए।
व्यासजी के रचे ग्रंथों का अध्ययन-मनन करके उनके उपदेशों पर आचरण करना चाहिए।
इस दिन गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन खीर का प्रसाद वितरण करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसे में खीर बनाकर आपको परिवार के साथ खानी चाहिए।