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Guru pradosh : सावन में गुरु प्रदोष व्रत रखने के फायदे

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WD Feature Desk

, बुधवार, 31 जुलाई 2024 (12:37 IST)
Guru Pradosh 2024: सावन माह का प्रदोष व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। 1 अगस्त 2024 गुरुवार को गुरु प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। गुरु प्रदोष व्रत रखने के कई लाभ हैं। धार्मिक शास्त्रों में मंगलकारी गुरु प्रदोष व्रत में सायंकाल के समय पूजा की जाती है। सावन गुरु प्रदोष का व्रत रखने के हैं कई फायदे।ALSO READ: Vrat Katha : गुरु प्रदोष व्रत की पौराणिक कथा-कहानी
 
प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं जिसे त्रयोदशी और प्रदोष का अधिव्यापन भी कहते हैं। वह समय शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है।
 
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ- 01 अगस्त 2024 को दोपहर 03:28 से।
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 02 अगस्त 2024 को दोपहर 03:26 तक।
 
शुभ मुहुर्त:-
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:00 से 12:54 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:42 से 03:36 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 07:12 से 07:33 तक।
पितृदोष के उपाय : प्रदोष का दिन और गुरु का दिन पितरों का दिन भी होता है। 
 
गुरु प्रदोष व्रत के फायदे- 
1. गुरु प्रदोष रखने से बृहस्पति ग्रह शुभ प्रभाव देता है साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। गुरु प्रदोष व्रत करने से बृहस्पति ग्रह शुभ प्रभाव देता है। ALSO READ: Sawan pradosh vrat 2024: सावन माह के पहले प्रदोष व्रत पर यदि ये उपाय कर लिया तो पितृदोष हो जाएगा दूर
 
2. अक्सर यह प्रदोष शत्रु एवं खतरों के विनाश के लिए किया जाता है। यह हर तर की सफलता के लिए भी रखा जाता है।
 
3. प्रदोष का व्रत करने से कुंडली में स्थित चंद्र दोष समाप्त हो जाता है। माना जाता है कि चंद्र के सुधार होने से शुक्र भी सुधरता है और शुक्र से सुधरने से बुध भी सुधर जाता है। मानसिक बैचेनी खत्म होती है। इस दिन मात्र फलाहार लेने से चंद्र दोष से मिलने वाले खराब प्रभाव दूर तथा नष्‍ट होकर मन से नकारात्मकता दूर होती है।
 
4. त्रयोदशी (तेरस) के देवता हैं त्रयोदशी और शिव। त्रयोदशी में कामदेव की पूजा करने से मनुष्य उत्तम भार्या प्राप्त करता है तथा उसकी सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यह जयप्रदा अर्थात विजय देने वाली तिथि हैं।
 
5. जो व्यक्ति प्रदोष व्रत करता है, उसे जीवन में कभी भी संकटों का सामना नहीं करना पड़ता है। यह शत्रु तथा खतरों के विनाश करता है। 
 
6. गुरु प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि हमेशा बनी रहती है।
 
7. प्रदोष व्रत में शिव जी का पूजन करने से भाग्य जागृत होता है।
 
गुरु प्रदोष व्रत नियम :
1. प्रदोष काल में उपवास में सिर्फ हरे मूंग का सेवन करना चाहिए, क्योंकि हरा मूंग पृथ्‍वी तत्व है और मंदाग्नि को शांत रखता है।
 
2. प्रदोष व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए। हालांकि आप पूर्ण उपवास या फलाहार भी कर सकते हैं।
 
3. व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठें। नित्यकर्म से निपटने के बाद सफेद रंग के कपड़े पहने। पूजाघर को साफ और शुद्ध करें। गाय के गोबर से लीप कर मंडप तैयार करें।
 
4. इस मंडप के नीचे 5 अलग अलग रंगों का प्रयोग कर के रंगोली बनाएं। फिर उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे और शिव जी की पूजा करें। पूरे दिन किसी भी प्रकार का अन्य ग्रहण ना करें।ALSO READ: Guru Pradosh Vrat 2024: गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें महत्व, विधि और पूजन के मुहूर्त

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