27 अप्रैल 2023 गुरुवार का दिन अत्यंत शुभ संयोग लेकर आ रहा है। एक तरफ इस दिन गुरु उदित हो रहे हैं और दूसरी तरफ इसी दिन गुरु पुष्य नक्षत्र का अति शुभ सुसंयोग भी बन रहा है। इसदिन खरीदी का विशेष महत्व माना गया है।
पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें (Guru Pushya Yog) :
1. पुष्य नक्षत्र में स्वर्ण खरीदने का प्रचलन इसलिए हैं, क्योंकि पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं और गुरु की कारक धातु सोना है। इसे शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है इसीलिए पुष्य नक्षत्र पर सोने की खरीदी अत्यधिक शुभ होती है। सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल या चांदी खरीदें। गुरुवार को आने वाले पुष्य नक्षत्र को खरीदी गई वस्तु घर में शुभता, प्रसन्नता और आरोग्य लेकर आती है।
2. इस नक्षत्र में वाहन, भवन, भूमि और बहीखाते खरीदना भी शुभ होता है।
3. इस दिन मंदिर निर्माण, घर निर्माण आदि काम भी प्रारंभ करना शुभ हैं।
4. इस दिन पूजा या उपवास करने से जीवन के हर एक क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है। सर्वप्रथम अपने घरों में सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय मां लक्ष्मी के सामने घी से दीपक जलाएं। किसी नए मंत्र की जाप की शुरुआत करें।
4. इस दिन दाल, खिचड़ी, चावल, बेसन, कड़ी, बूंदी की लड्डू आदि का सेवन भी किया जाता है और यथाशक्ति दान भी कर सकते हैं।
5. इस नक्षत्र में शिल्प, चित्रकला और पुस्तक खरीदना उत्तम माना जाता है।
6. इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करें, जैसे ज्ञान या विद्या आरम्भ करना, कुछ नया सीखना, दुकान खोलना, लेखक हैं तो कुछ नया लिखना आदि।
7. पुष्य नक्षत्र में दिव्य औषधियों को लाकर उनकी सिद्धि की जाती है।
8. इस दिन कुंडली में विद्यमान दूषित ग्रहों के दुष्प्रभाव को संबंधित मंत्रों से घटाया जा सकता है।
9. गंगाजल, पूजा की वस्तुएं, किचन के लिए सामान, पीले रंग की वस्तुएं ले सकते हैं।
10. सोने और चांदी के अलावा पीतल, कांसा, तांबा और सफेद संगमरमर लिया जा सकता है।
पुष्य नक्षत्र में ये कार्य नहीं करना चाहिए ( Guru Pushya Nakshatra ) :
1. मुहूर्त चिंतामणि नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ के श्लोक 10 के अनुसार, पुष्य, पुनर्वसु और रोहिणी इन तीन नक्षत्रों में सधवा स्त्री नए स्वर्ण आभूषण और नए वस्त्र धारण नहीं करें, ऐसा लिखा है। मतलब यह कि इस दिन संभवत: स्वर्ण तो खरीदा जा सकता है लेकिन पहना नहीं जा सकता?
2. विदवानों का मानना है कि इस दिन विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि पुष्य नक्षत्र को ब्रह्माजी का श्राप मिला हुआ है, इसलिए यह नक्षत्र विवाह हेतु वर्जित माना गया है।
3. इस दिन वाद विवाद और अशुभ वचन बोलने से बचें।
4. इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है अत: इस नक्षत्र के दौरान शनि के मंदे कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे, शराब पीना, ब्याज पर रुपया देना, झूठ बोलना, स्त्री का अपमान करना आदि।
5. पुष्य नक्षत्र को बहुत ही पवित्र और शुभ माना गया है इसलिए इस नक्षत्र में किसी भी प्रकार के तामसिक या अपवित्र कार्य न करें।
6. इस दिन क्या नहीं खरीदें : चमड़ा, काली वस्तुएं, शादी से संबंधित चीजें, चीनी बर्तन, कांच का सामान, बाथरूम से संबंधित सामग्री, नकली सजावटी सामान, भूरे और बदरंग कपड़े