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24 जुलाई को गुरु पुष्य योग, जानें इस मुहूर्त में क्या काम करना चाहिए, क्या नहीं खरीदें

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WD Feature Desk

, बुधवार, 23 जुलाई 2025 (15:38 IST)
guru pushya nakshatra yog me kya kare: इस बार 24 जुलाई 2025, गुरुवार को हरियाली अमावस्या के दिन पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। गुरुवार होने के कारण इसे गुरु पुष्य योग कहते हैं। ज्योतिष में गुरु पुष्य नक्षत्र योग को बहुत ही शुभ योग माना गया है। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। पुष्य का अर्थ पोषण, ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला होता है। इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सबसे अच्छा माना जाता है। ऋगवेद में पुष्य नक्षत्र को मंगलकर्ता भी कहा गया है। इसके अलावा यह समृद्धिदायक, शुभ फल प्रदान करने वाला नक्षत्र माना गया है। इसी कारण विद्वान इस नक्षत्र को बहुत शुभ और कल्याणकारी मानते हैं। अत: इस शुभ दिन नए कार्यों की शुरुआत करने का विशेष महत्व है।
 
• पुष्य नक्षत्र प्रारंभ: 24 जुलाई 2025, गुरुवार, शाम 04:43 मिनट से
• पुष्य नक्षत्र समाप्त: 25 जुलाई 2025, शुक्रवार, सुबह 06:13 मिनट पर।

पूजा-पाठ करें: गुरु पुष्य नक्षत्र में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना बहुत फलदायी होता है। 
मंत्र जाप करें: इस दिन 108 बार "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" या किसी भी मंत्र का जाप करना शुभ होता है। 
दान करें: इस दिन हल्दी, चने की दाल, या अन्य कोई भी वस्तु दान करना शुभ होता है।
कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें: यह स्तोत्र धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। 
 
1. गुरु पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में घर की साज-सज्जा की चीजें, सोना, चांदी एवं अन्य सामान की खरीदारी करना शुभ होता है। 
 
2. इस दिन सोना इसलिए भी खरीदते हैं, क्योंकि सोने को शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना जाता है, अत: पुष्य नक्षत्र पर इसकी खरीदी अत्यधिक शुभ होती है। इसी कारण इस समयावधि में गोल्ड, रजत, बहुमूल्य रत्न, सोने-चांदी के आभूषण आदि अवश्य खरीदने चाहिए, क्योंकि इस दिन जो कीमती वस्तुएं क्रय की जाती हैं, वो वर्षभर लाभकारी सिद्ध होती हैं। 
 
3. इस नक्षत्र में सोना, चांदी, ज्वेलरी के साथ ही वाहन, मकान, प्लैट, दुकान, कपड़े, बर्तन, श्रृंगार की वस्तुएं, स्टेशनरी, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और बहीखाते खरीदना शुभ होता है। इसके साथ ही इस नक्षत्र वाले दिन औषधि भी खरीदी जाती है।
 
बृहस्पति देव पुष्य नक्षत्र के देवता माने गए हैं और शनि को इस नक्षत्र का दिशा प्रतिनिधि माना जाता है। चूंकि बृहस्पति शुभता, ज्ञान और बुद्धि‍मत्ता का प्रतीक कहे गए हैं और शनि स्थायि‍त्व के, इसलिए इन दोनों का योग मिल कर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिरस्थायी बना देते है। स्वास्थ्य की दृष्ट‍ि से भी पुष्य नक्षत्र विशेष महत्व रखता है। यदि पुष्य नक्षत्र पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को समाप्त करने में सक्षम होता है। शारीरिक कष्ट निवारण के लिए यह मुहूर्त शुभ होता है।
 
4. यह नक्षत्र शिल्पकला, चित्रकला, पढ़ाई प्रारंभ करना, मंदिर निर्माण, घर निर्माण प्रारंभ करना, उपनयन संस्कार, दुकान खोलना, गृह प्रवेश, नया व्यापार करना, निवेश आदि करने के लिऐ भी शुभ है।
 
गुरु पुष्य नक्षत्र में क्या नहीं खरीदें:
1. इस नक्षत्र में सुई या कोई धारदार वस्तुएं नहीं खरीदें।
2. इस नक्षत्र में पुरानी या सेकंड हेंड वस्तुएं नहीं खरीदना चाहिए।
3. काले कपड़े नहीं खरीदना चाहिए।
4. कोई चमड़े की वस्तु नहीं खरीदना चाहिए।
5. मिक्सर जैसी वस्तुएं भी नहीं खरीदना चाहिए।
6. जूते, चप्पल, सैंडल आदि भी न खरीदें।
7. प्लास्टिक या कांच का सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।
8. नकली सजावटी सामान भी नहीं खरीदना चाहिए।
9. बाथरूम या टॉयलेट संबंधी सामान भी नहीं खरीदान चाहिए।
10. इस दिन यदि बर्तन खरीद रहे हैं तो उसे खाली घर पर न लाएं, उसमें खाने की कोई वस्तु रखकर ही लाएं।

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