Halharini Amavas 2024: आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या 05 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को मनाई जा रही हैं। इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं और इस अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के साथ ही काल सर्प दोष से मुक्ति के उपाय भी किए जा सकते हैं। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो निम्मलिखित उपाय करें।
मंत्र-
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपाल धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात:काले विशेषत:।।
1. हलहारिणी अमावस्या पर गरीबों या किसी जरूरतमंद को यथाशक्ति दान करें।
2. हलहारिणी अमावस्या पर संध्याकाल के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीप जलाकर उसकी पूजा के बाद 7 परिक्रमा करें।
3. हलहारिणी अमावस्या पर नवनाग स्तोत्र, लघु रुद्र का पाठ स्वयं करें या किसी योग्य पंडित से करवाएं। ये पाठ विधि-विधान पूर्वक होना चाहिए।
4. हलहारिणी अमावस्या पर प्रात:काल स्नान आदि करने के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें और सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
5. हलहारिणी अमावस्या पर प्रात: स्नान के बाद शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर तांबे का नाग चढ़ाएं। इसके बाद वहां बैठकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
6. हलहारिणी अमावस्या पर सफेद फूल, बताशे, कच्चा दूध, सफेद कपड़ा, चावल व सफेद मिठाई बहते हुए जल में प्रवाहित करें और कालसर्प दोष की शांति के लिए शेषनाग से प्रार्थना करें।
7. हलहारिणी अमावस्या पर विधिवत रूप से घर में कालसर्प यंत्र की स्थापना करें। इसके लिए शिवजी का पूजन करने के बाद यंत्र का पूजन करें। कच्चा दूध यंत्र पर अर्पित करें और इसके बाद में गंगाजल से स्नान करवाएं। फिर पंचोपचार पूजा करने के बाद नीचे लिखे मंत्र का रुद्राक्ष की एक माला से जाप करें।
ALSO READ: आषाढ़ अमावस्या की पूजन विधि और पूजा का शुभ मुहूर्त