Kab kare holika dahan kab hai: धर्मसिन्धु और निर्णय सिंधु के अनुसार ऐसी पूर्णिमा होलिका के लिए उत्तम मानी जाती है जिसमें भद्रा का साया नहीं हो। यदि भद्रा मध्यरात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तो प्रदोष के पश्चात जब भद्रा समाप्त हो तब होलिका दहन करना चाहिए। यदि भद्रा मध्य रात्रि तक भी भद्रा काल रहे तो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूंछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है। परन्तु भद्रा मुख में होलिका दहन कदाचित नहीं करना चाहिए। आओ जानते हैं होलिका दहन के शुभ मुहूर्त।
होलिका दहन मुहूर्त ( Holika Dahan Muhurat 2022) :
फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 17 मार्च दोपहर 1.13 बजे से 18 मार्च दोपहर 1.03 बजे तक रहेगी। पंचांग भेद से इसके समय में थोड़ा बहुत अंतर है। जैसे कुछ पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 17 मार्च गुरुवार को दोपहर 1.29 बजे से आरंभ हो रही है, जो 18 मार्च शुक्रवार को दोपहर 12.47 बजे तक रहेगी।
होलिका दहन एवं पूजा मुहूर्त : 17 मार्च रात्रि 09:21 से 10:31 तक।
अशुभ समय और योग :
राहु काल : मार्च 17 गुरुवार को राहुकाल दोपहर 01:37 से 03:07 तक।
शूल योग : 17 मार्च प्रात: 02:38 AM से 18 मार्च 01:08 AM तक।
यमगण्ड : 06:05:53 से 07:36:05 तक।
भद्रा का काल:
भद्रा : दोपहर 01:29 PM से रात्रि 01:12 तक।
भद्रा पूंछ का समय- रात 09.06 मिनट से 10.16 मिनट तक। अत: इस समयावधि में होलिका दहन किया जाता सकता है।
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 17 मार्च दिन 01 बजकर 29 मिनट से।
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 18 मार्च रात 12 बजकर 47 मिनट पर।
भद्रा पूंछ: रात्रि 09 बजकर 1 मिनट से 10 बजकर 12 मिनट तक
भद्रा मुख : रात्रि 10 बजकर 12 मिनट से मध्यरात्री 12 बजकर 11 मिनट तक।
होलिका दहन मुहूर्त: गुरुवार 17 मार्च रात्रि 09 बजकर 01 मिनट से रात्रि 10 बजकर 12 मिनट तक।
रंगवाली होली (धुलण्डी) : 18 मार्च शुक्रवार को खेली जाएगी।