व्यक्ति ने किस पक्ष की किस तिथि के किस प्रहर के किस मुहूर्त में जन्म लिया इससे उसका भविष्य निर्धारित होता। फिर उक्त तिथि के दौरान आकाश में कौन-सा नक्षत्र भ्रमण कर रहा था, कौन-सा ग्रह किस राशि और नक्षत्र में भ्रमण कर रहा था, यह सब देखकर जातक के भूत और भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। यहां प्रस्तुत है कि जातक ने किस सुबह के किस प्रहर में जन्म लिया है तो उसका भविष्य या उसका चरित्र कैसा होगा।
1. सुबह का प्रथम प्रहर : सूर्योदय के समय दिन का पहला प्रहर प्रारंभ होता है जिसे पूर्वान्ह कहा जाता है। इस दिन का प्रथम प्रहर भी कहते हैं। इसका समय सुबह के 6 बजे से 9 बजे के बीच का होता है। यह प्रहर आंशिक रूप से सात्विक और राजसिक होता है, लेकिन नकारात्मक नहीं। इस प्रहर में जन्म लेने वाले बच्चे जीवन में बहुत उन्नती करते हैं। हालांकि जीवन काल के प्रारंभ में थोड़ा बहुत इनका स्वास्थ गड़बड़ रहता है। इस प्रहर में जन्म लेने वाले बच्चे तेज बुद्धि के और सत्यवादी होते हैं।
2. सुबह का दूसरा प्रहर : दिन का दूसरा प्रहर जब सूरज सिर पर आ जाता है तब तक रहता है जिसे मध्याह्न कहते हैं। यह प्रहर सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक रहता है। यह शुद्ध रूप से रजोगुणी प्रहर होता है। इस प्रहर में जन्म लेने वाले बच्चों की राजनीति और प्रशासनिक कार्यों में रुचि रहती है। ऐसे प्रहर में जन्म लेने वाले बच्चे नेतृत्व करके खूब धन या यश कमाते हैं।