Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या और कैसा होता है सौम्य, मध्यम और कड़क मंगल?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Manglik dosh
, सोमवार, 15 मई 2023 (18:01 IST)
Manglik dosha : ज्योतिष की मान्यता के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली मांगलिक है तो उसे किसी मांगलिक जातक से ही विवाह करना चाहिए अन्यता मंगल दोष का बुरा परिणाम देखने को मिलता है। परंतु मंगल दोष भी तीन प्रकार का होता है- सौम्य मंगल, मध्यम मंगल और कड़क मंगल। कड़क मंगल जिसको है उसे किसके साथ विवाह करना चाहिए?
 
कैसे जानें कि कुंडली मांगलिक है?
यदि आपकी कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बाहरवें खाने, घर या भाव में मंगल स्थित है तो आप मांगलिक है, परंतु यह मांगलिक होना शुभ भी होता है और अशुभ भी। क्योंकि जिस राशि में मंगल स्थित है उससे भी मंगल की स्थिति तय होती है। साथ ही मंगल कि ग्रहों के साथ विराजमान है और उस पर किन ग्रहों की दृष्टि है इससे भी मंगल का शुभ और अशुभ होना तय होता है।
 
मंगल दोष कितने प्रकार के होते हैं : 
मंगल दोष मुख्‍यत: तीन प्रकार का होता है- सौम्य मंगल, मध्यम मंगल और कड़क मंगल। इसी प्रकार निम्न मंगल और उच्च मंगल भी होता है।
 
सौम्य मंगल : कुंडली में मंगल ग्रह किसी शुभ ग्रह के साथ या उस पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही है तो वह सौम्य मंगल कहलाता है। 
 
मध्यम मंगल : कुंडली में मंगल ग्रह किसी शुभ ग्रह के साथ विराजमान हो और उस पर पापी ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो। इसके विपरीत यदि वह पापी ग्रहों के साथ विराजमान हो और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो तो वह मध्यम मंगल है।
 
कड़क मंगल : मंगल ग्रह के साथ कोई पापी ग्रह विराजमान हो, उस पर उन ग्रहों की दृष्टि हो या दोनों ही स्थिति निर्मित हो रही हो तो वह कड़क मंगल कहलाता है।
webdunia
उपरोक्त के अलावा दो और मुख्य प्रकार है-
 
1. निम्न मंगल: यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में, लग्न या चंद्र कुंडली में से किसी एक कुंडल में 1, 4, 7, 8वें या 12वें स्थान पर मंगल है, तो इसे निम्न मांगलिक दोष अथवा आंशिक मांगलिक दोष माना जाएगा। इस मंगल का दोष 28 वर्ष की उम्र के बाद स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
 
2. उच्च मंगल : यदि किसी जातक की जन्म कुंडली, लग्न और चंद्र कुंडली में 1, 4, 7, 8वें या 12वें भाव में सभी में मंगल स्थित हो, तो इसे 'उच्च मांगलिक दोष' माना जाएगा।
 
तब कम हो जाता है मंगल दोष : मंगल की अपनी राशि मेष ओर वृश्चिक है। मकर इसकी उच्च राशि है और कर्क इसकी नीच राशि है। मंगल यदि मेष, वृश्चिक या मकर राशि में होकर पहले, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश में हो तो मांगलिक दोष कम हो जाता है। इसके ठीक उल्टा यह कि खासकर मंगल यदि कर्क राशि में किसी भी घर में हो और वह पाप ग्रहों अर्थात शनि या राहु के साथ बैठा हो या उनकी उस पर दृष्टि हो तो यह उच्च मंगल दोष हो जाता है।
 
मंगल दोष का फल : प्रथम यानी लग्न का मंगल व्‍यक्ति के व्यक्तित्व को तेज बनाता है। चौथे भाव का मंगल जातक को कड़ी पारिवारिक पृष्‍ठभूमि देता है। सातवें स्‍थान का मंगल जातक को जीवनसाथी के प्रति कठोर बनाता है। आठवें और बारहवें स्‍थान का मंगल आयु और शारीरिक क्षमताओं को प्रभावित करता है। उपरोक्त सभी भाव का मंगल जातक का क्रोधी स्वभाव बनाता है।
 
नोट : यदि कुंडली मिलान के समय मंगल दोष में अंतर हो तो किसी योग्य ज्योतिष से कुंडली मिलाकर ही निर्णय लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Bada Mangal 2023: 16 मई को ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल, पढ़ें बजरंगबली के 12 नाम, करें 5 खास उपाय