- पं. रामप्रसाद मालवीय
जनवरी माह में कैसा होगा देश का भविष्य या क्या संभावित घटनाक्रम हो सकता है जानिए ग्रह गोचर और नक्षत्र की चाल के अनुसार। यहां दी जा रही जानकारी संभावित है इसमें परिवर्तन संभाव है।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार इस माह में मंगल और राहु का षडाष्टक योग चल रहा है। षडाष्टक योग एक प्रकार का भकुट दोष होता है। अर्थात जब दो राशियों के बीच की दूरी का सम्बन्ध 6/8 का होता है तो ये षडाष्टक कहलाता है। ज्योतिष के अनुसार मित्र राशियों के षडाष्टक को शुभ और शत्रु राशि षडाष्टक को अशुभ माना जाता है। मंगल का राहु से किसी भी प्रकार का संयोग अनिष्टकारी घटना को जन्म देता है।
दूसरी ओर सूर्य, शनि, गुरु, बुध और केतु का राहु के साथ समसप्तम योग चल रहा है। ज्योतिष की मान्यता अनुसार इसे भूकंप, तूफान, उपद्रव, हिमस्खलन आदि से राज्य के धन की हानि होती है।
मंगल और राहु के षडाष्टक योग से राज्य और केंद्र की सरकारों में कहीं न कहीं अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिलेगा। बहुत लोगों के इस्तीफे होंगे और बहुत लोग सरकारों से असंतुष्ट रहेंगे। शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल जारी रहेगी। सोने का भाव आसमान पर चढ़ जाएगा।
उपरोक्त दोनों ही ही योग के कारण अधिकतर लोगों में रोग फैलने की संभावना है और देश के किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के लिए यह कष्ट का समय रहेगा। सीमाओं पर सुरक्षा को लेकर चिंता रहेगी। रुई, कपास, लोहा, चंदन, अलसी, सरसो, तिल का तेल, सोना, चांदी, तांबा गुड़, खांड, दाख, छुआरा, लालमिर्च आदि में तेजी रहेगी।
भारत के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी बहुत तेज होगी जिसके कारण हरियाणा, पंजाब सहित समूचे उत्तर भारत में शीत लहर का प्रकोप बढ़ेगा जो पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक होगा। मावठा रहेगा और कहीं कहीं ओलों के साथ बारिश भी जोरदार होगी। इससे दुर्घटना बढ़ेंगी और फसल को भी नुकसान होगा।
हालांकि उपरोक्त दोनों ही तरह के योग के दौरान 15 जनवरी को सूर्य उत्तरायण होंगे तो कुछ हद तक इससे निजात भी मिलेगी।