हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष में जया (अजा) एकादशी (Jaya Ekadashi) आती है। इस वर्ष यह एकादशी 23 फरवरी को है। यह एकादशी मंगलवार के दिन आ रही है। इस व्रत में भगवान श्री विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन व्रत-उपवास रखकर धूप, दीप, नैवेद्य आदि से श्रीहरि विष्णु का पूजन करने का महत्व है। यह एकादशी बहुत पुण्यदायी और कल्याणकारी मानी गई है। आइए जानें पूजा की आसान विधि-
जया एकादशी पर कैसे करें पूजन-
- जया एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- तत्पश्चात व्रत का संकल्प लें।
- अब घर के मंदिर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- एक लोटे में गंगा जल लेकर उसमें तिल, रोली और अक्षत मिलाएं।
- अब इस लोटे से जल की कुछ बूंदें लेकर चारों ओर छिड़कें।
- फिर इसी लोटे से घट स्थापना करें।
- अब भगवान विष्णु को धूप, दीप दिखाकर उन्हें पुष्प अर्पित करें।
- अब एकादशी की कथा का पाठ पढ़ें अथवा श्रवण करें।
- घी के दीपक से विष्णु जी की आरती करें तथा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- तत्पश्चात श्रीहरि विष्णु जी को तुलसी दल सहित तिल का भोग लगाएं।
- इस दिन तिल का दान करना अच्छा माना जाता है। अत: अपने सामर्थ्यनुसार तिल का दान अवश्य करें।
- शाम के समय भगवान विष्णु जी की पूजा करके फलाहार करें।
- द्वादशी को यानी अगले दिन सुबह किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन करावाएं तथा दान-दक्षिणा दें। इसके बाद स्वयं भी भोजन ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
2021 में जया एकादशी पूजन का समय एवं मुहूर्त इस प्रकार रहेगा-
जया एकादशी तिथि का प्रारंभ सोमवार, 22 फरवरी 2021 को शाम 5.16 मिनट से शुरू होकर मंगलवार, 23 फरवरी 2021 को शाम 6.05 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। अत: एकादशी व्रत 23 फरवरी 2021 माना जाएगा।
एकादशी उपवास करने वालों के लिए पारण का समय बुधवार, 24 फरवरी 2021 को सुबह 6.51 मिनट से 9.09 मिनट तक रहेगा। पारणा अवधि- 2 घंटे 17 मिनट तक।