पारिवारिक सुख व्यक्ति की महती आवश्यकता है। एक स्नेहिल परिवार के बिना मनुष्य का जीवन अत्यन्त नीरस व दुष्कर हो जाता है। कभी-कभी प्रारब्ध कर्मानुसार व्यक्ति पारिवारिक सुख से वंचित हो जाता है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका में वे कौन से ऐसी ग्रहस्थितियां होती हैं जब व्यक्ति को पारिवारिक सुख प्राप्त नहीं होता।
पारिवारिक सुख का विचार जन्मपत्रिका के दूसरे भाव से किया जाता है। यदि दूसरे भाव का अधिपति (द्वितीयेश) अशुभ स्थानों में हो एवं द्वितीय भाव पर शनि,राहु-केतु जैसे क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो तो व्यक्ति पारिवारिक सुख से वंचित रहता है। उसे अपने घर से दूर निवास करना पड़ता है। द्वितीयेश पर पाप ग्रहों के प्रभाव से पारिवारिक सुख बाधित होता है।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया