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कुंडली में कौन से योग बनाते हैं प्रखर वक्ता, जानिए

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पं. हेमन्त रिछारिया

आपने अक्सर ऐसे व्यक्तियों को देखा होगा जिनकी वाणी अत्यंत आकर्षक व प्रभावकारी है। वे जब भी बोलते हैं, अपनी वाणी के प्रभाव से सभी का ध्यानाकर्षण कर लेते हैं।

ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ वक्ता, ज्योतिषी, धर्मोपदेशक, कवि, पत्रकार, राजनेता, शिक्षक, गायक आदि बनकर सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। आईए जानते हैं वे कौन से ग्रहयोग होते हैं जो किसी जातक को श्रेष्ठ वक्ता बनाते हैं। 
 
जैसा आपको पूर्व में बताया जा चुका है कि जन्मपत्रिका में द्वितीय भाव, द्वीतीयेश व बुध-गुरू से वाणी का विचार किया जाता है। यदि किसी जन्मपत्रिका में बुध-गुरू का श्रेष्ठ संबंध हो जैसे राशि परिवर्तन, दृष्टि संबंध अथवा युति, तो ऐसा जातक प्रखर वक्ता होता है।

यदि बुध-गुरू के संबंध के अतिरिक्त द्वि‍ति‍येश शुभ भावों में हो एवं द्वीतीय भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो व इनमें से किसी पर भी कोई पाप प्रभाव ना हो, तो ऐसा व्यक्ति अपनी वाणी के आधार पर पद-प्रतिष्ठा व धन अर्जित करता है।
 
(विशेष- हमारी स्वयं की जन्मपत्रिका में बुध-गुरू का राशि परिवर्तन योग है एवं द्वीतीय भाव अपने स्वामी से दृष्ट है।)
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
[email protected]

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