Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कुशोत्पाटनी अमावस्या 2020 : जानिए कुशा निकालने के नियम, मंत्र और मुहूर्त

हमें फॉलो करें कुशोत्पाटनी अमावस्या 2020 : जानिए कुशा निकालने के नियम, मंत्र और मुहूर्त
कुशा एक प्रकार की घास होती है। कुशोत्पाटिनी अमावस्या के दिन कुशा को निकालने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है। शास्त्रों में दस प्रकार की कुशा का वर्णन दिया गया है।
 
कुशा:काशा यवा दूर्वा उशीराच्छ सकुन्दका:।
गोधूमा ब्राह्मयो मौन्जा दश दर्भा: सबल्वजा:।।
 
माना जाता है कि घास के इन दस प्रकारों में जो भी घास सुलभ एकत्रित की जा सकती हो इस दिन कर लेनी चाहिए। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि घास को  सिर्फ हाथ से ही एकत्रित करना चाहिए इसे किसी औजार से नहीं काटा जाए। 
 
उसकी पत्तियां पूरी की पूरी होनी चाहिए आगे का भाग टूटा हुआ न हो। इस कर्म के लिए सूर्योदय का समय उचित रहता है। उत्तर दिशा की ओर मुख कर बैठना चाहिए और मंत्रोच्चारण करते हुए दाहिने हाथ से एक बार में ही कुश को निकालना चाहिए। इस दौरान निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण किया जाता है-
 
विरंचिना सहोत्पन्न परमेष्ठिन्निसर्गज।
नुद सर्वाणि पापानि दर्भ स्वस्तिकरो भव।।
 
इस दिन को पिथौरा अमावस्या भी कहा जाता है। पिथौरा अमावस्या को देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इस बारे में पौराणिक मान्यता भी है कि इस दिन माता पार्वती ने इंद्राणी को इस व्रत का महत्व बताया था। विवाहित स्त्रियों द्वारा संतान प्राप्ति एवं अपनी संतान के कुशल मंगल के लिये उपवास किया जाता है और देवी दुर्गा सहित सप्तमातृका व 64 अन्य देवियों की पूजा की जाती है।
 
कुशा एकत्रित करने का समय/मुहूर्त/चौघडिया
 
सुबह 6.06 बजे से 7.42 बजे तक लाभ 
सुबह 7.42 बजे से 9.18 बजे तक अमृत


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मंगलवार, 18 अगस्त 2020 : आज इन राशियों को रखना होगा सेह‍त का ध्यान