Kutta or dog in astrology: आजकल विदेशी कुत्तों को पालने का प्रचलन बढ़ गया है। बेचारे देशी कुत्ते गली में सचमुच ही भूखे ही मर जाते हैं या किसी कार, ट्रक के नीचे कुचलकर मर जाते हैं। हजारों वर्षों से देशी कुत्तों ने भारतीयों के जीवन की रक्षा की है। उन्हें सुरक्षा प्रदान की है परंतु आजकल उन्हें सड़क पर अपनी जिंदगी गुजारना पड़ रही है और विदेशी कुत्ते शानदार सोफे पर बैठकर मजे कर रहे हैं। खैर, कुत्ता कोई सा भी हो वह बड़ा वफादार होता है और वह अपने मालिक को हर तरह की मुसीबतों से बचाता है। कुत्ता पालने से ग्रहदोष भी दूर होते हैं। आओ जानते हैं इस संबंध में रोचक जानकारी।
शनि और केतु का उपाय ( Remedy for Saturn and Ketu) :-
1. माना जाता है कि काला कुत्ता जहां होता है वहां नकारात्मक उर्जा नहीं ठहरती है। इसका कारण यह है कि काले कुत्ते पर एक साथ दो शक्तिशाली ग्रह शनि और केतु का प्रभाव होता है।
2. शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है घर में काला कुत्ता पालना। जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं।
3. केतु को ठीक करने के लिए भी कुत्ता पालने की सलाह देते हैं।
4. कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है।
5. राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।
6. कुत्ता पालने से भगवान भैरव प्रसन्न होते हैं। लाल किताब में भैरवनाथ को शनि ग्रह का स्वामी माना जाता है।
7. लाल किताब में बताया गया है कि संतान सुख में बाधा आने पर काला कुत्ता अथवा काला और सफेद कुत्ता पालन चाहिए। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह उपाय संतान के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ कारगर होता है। यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति होती है।
8. काला कुत्ता पालने से आपका रूका हुआ पैसा वापस आने लग जाता है। अचानक आने वाले संकट से मुक्ति मिलती है। आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। पेट की बीमारियां, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए भी काला कुत्ता पाला जाता है। बिजनेस और कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के लिए काला कुत्ता मददगार साबित होता है।
9. कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है।
10. ज्योतिषी के अनुसार केतु का प्रतीक है कुत्ता। कुत्ता पालने या कुत्ते की सेवा करने से केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है। पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए।
कुत्ता यमदूत, बुरी आत्मा, चोर, डकैत, जंगली जानवर आदि से रक्षा करता है। कुत्ता काला या काला-सफेद होना चाहिए लेकिन इस बात का घ्यान रखें कि उस कुत्ते के नाखुनों की संख्या 22 या इससे ज्यादा होनी चाहिए। इतने नाखुनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है। ऐसा कुत्ता ही आपकी किस्मत बदल सकता है। शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी हरकतों से शुभ-अशुभ का भी ज्ञात करवाता है।