Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जन्मपत्रिका से जानिए प्रेम विवाह के योग

Advertiesment
हमें फॉलो करें ज्योतिष
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

विवाह के आठ प्रकारों में से एक है " गंधर्व विवाह" जिसे प्रचलित भाषा में प्रेम विवाह कहा जाता है। आईए जानते हैं जन्मपत्रिका में कौन से ऐसे ग्रहयोग होते हैं जो जातक का प्रेम विवाह करवाते हैं। 
 
जन्मपत्रिका के सप्तम भाव से विवाह, दांपत्य एवं जीवनसाथी का विचार किया जाता है। वहीं पंचम भाव से प्रेम, मित्रता व प्रेमी-प्रेमिका का विचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त शुक्र व बारहवें भाव से शैय्या सुख का विचार किया जाता है। यदि जन्मपत्रिका में पंचम स्थान के अधिपति (पंचमेश) व सप्तम भाव के अधिपति (सप्तमेश) के बीच प्रबल संबंध जैसे राशि परिवर्तन, दृष्टि संबंध व युति आदि है, तो यह योग जातक का प्रेम विवाह करवाता है।
 
जन्मपत्रिका में यदि मंगल व शुक्र की युति हो, मंगल शुक्र की राशि में हो या शुक्र मंगल की राशि में हो अथवा मंगल व शुक्र का राशि परिवर्तन योग हो एवं सप्तमेश व पंचमेश में परस्पर राशि परिवर्तन योग हो तो जातक प्रेम विवाह करता है। यदि सप्तम भाव व सप्तमेश में से किसी पर शनि या राहु का प्रभाव हो एवं जातक की जन्मपत्रिका में प्रेम विवाह का योग हो तो जातक अन्तर्जातीय विवाह करता है। 
 
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: [email protected]

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या आपकी अंगुली के पोरों में चक्र है, जानिए अपना भाग्य