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माघी पूर्णिमा के सबसे शुभ मुहूर्त में और इस पूजा विधि से करेंगे आराधना तो मां लक्ष्मी आएंगी खुद चलकर

हमें फॉलो करें माघी पूर्णिमा के सबसे शुभ मुहूर्त में और इस पूजा विधि से करेंगे आराधना तो मां लक्ष्मी आएंगी खुद चलकर
माघ माह की पूर्णिमा तिथि को बहुत पवित्र माना जाता है। वर्ष 2022 में बुधवार, 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा (Magh Purnima 2022) मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में 2 पूर्णिमा को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, पहली कार्तिक पूर्णिमा और दूसरी माघी पूर्णिमा। हर माह आने वाली पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने की हमारी पुरानी परंपरा रही है। इस दिन स्नान, ध्यान, जप और दान करने तथा गंगा या अन्य पवित्र नदियों तथा सरोवर तट पर स्नान करके तिलांजलि और पितृ तर्पण किया जाता है। 
 
माघी पूर्णिमा के व्रत रखकर चंद्र देव (Chandrma) तथा भगवान सत्यनारायण (Lord Satyanarayan) और श्रीहरि विष्णु (Shri Vishnu n Devi Laxmi) तथा माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार माघी पूर्णिमा पर बहुत ही शुभ शोभन योग बन रहा है। उदयातिथि में पूर्णिमा का चांद 16 फरवरी को दिखाई देगा अत: माघी पूर्णिमा व्रत एवं पूजन 16 फरवरी को किया जाएगा। यहां पढ़ें सबसे शुभ मुहूर्त, पूजा विधि...

 
पूजा विधि-method of worship on purnima
 
- माघी पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। 
 
- स्नान करते समय 'ॐ नम: भगवते वासुदेवाय नम:' का जाप करें।
 
- सूर्य देव को जल में तिल मिलाकर अर्घ्य दें अथवा तर्पण करें। 
 
- माघ पूर्णिमा पर भगवान श्री विष्णु का पूजन करते समय केले के पत्ते, सुपारी, पान, शहद, तिल, केले, पंचामृत, मौली, रोली, कुमकुम आदि का उपयोग करें।
 
- इस दिन भगवान शिव जी का पूजन करना भी लाभदायक माना गया है, इससे परिवार को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। 
 
- इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान श्री कृष्ण का एक साथ पूजन करना चाहिए। 
 
- पूजा के उपरांत आरती तथा प्रार्थना करके गरीबों और और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा अवश्य दें।

 
- पूर्णिमा तिथि को भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ना अथवा श्रवण करना चाहिए, ऐसा करने से सभी दुख दूर होकर जीवन में खुशहाली आती है।
 
- माघी पूर्णिमा के दिन सायंकाल में पुन: धन की देवी माता लक्ष्मी तथा चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए। 
 
- इस दिन पंचांग, वस्त्र, घी, तिल, कंबल, पुस्तक तथा अन्न दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है।
 
- शाम के समय माता लक्ष्मी के पूजन के पश्चात कनकधारा स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से माता लक्ष्मी अतिप्रसन्न होती हैं और देवी लक्ष्मी खुद घर आकर आपके धन-संपत्ति में वृद्धि करती है तथा परिवार में सुख-शांति का वास होता है। इतना ही नहीं माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति से निरंतर धन प्राप्ति और ऐश्वर्य तथा वैभव बढ़ता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
 
माघी पूर्णिमा के सबसे शुभ मुहूर्त-Maghi Purnima Muhurat
 
इस वर्ष माघी पूर्णिमा बुधवार, 16 फरवरी, 2022 को।
शोभन योग- 16 फरवरी को रात्रि 08.44 मिनट जारी रहेगा। 
माघ पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ- मंगलवार, 15 फरवरी को रात्रि 09.12 मिनट से शुरू हो रही है, जो 16 फरवरी को रात 01.25 मिनट तक मान्य है। 
16 फरवरी को चंद्रोदय का समय- शाम 05.54 मिनट पर।

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