Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Makar Sankranti 2021 : शेर पर सवार होकर आई मकर संक्रांति

Advertiesment
हमें फॉलो करें Makar Sankranti 2021 : शेर पर सवार होकर आई मकर संक्रांति
webdunia

पं. अशोक पँवार 'मयंक'

सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, उस समय जो करण होता है, उसके अनुसार वाहनादि तय होते हैं। इस बार बव करण में होने से सिंह की सवारी कर संक्रांति का प्रवेश होने जा रहा है। उपवाहन गज यानी हाथी है। वस्त्र पीला है। आयुध गदा है। फल मध्य है। जाति भूत है। भक्षण पायस है। लेपन कुमकुम है। अवस्था कुमारी है। पात्र चांदी का है। भूषण कंकण है। कंचुकी पर्ण है। स्थिति बैठी हुई है। फल भय है। पुष्प जाति है। 30 मुहूर्ती होने से सम कही जा सकती है।
 
फल- जिस-जिस पर संक्रांति का प्रवेश होता है, वो महंगी होती है। इसका परिणाम 1 मास के लिए होता है। सोना-चांदी महंगे होंगे। पूर्वान्ह होने से शासक वर्ग को संकट रहता है। गुरुवार होने से पूर्व में कष्ट रहता है, वहीं इसकी दृष्टि अग्निकोण में होने से भी कष्ट को दर्शाता है। अन्न अच्छा हो, तो सभी प्रकार का आनंद होता है।
 
सूर्य का प्रवेश सुबह 8.30 पर मकर लग्न कर्क नवांश में है। इस बार पंचग्रही योग बन रहा है। इसमें नीच भंग गुरु शनि के स्वराशि में होने से व गुरु चन्द्र के होने से गजकेसरी योग भी बन रहा है। शनि, चन्द्र साथ होने से विषयोग भी बनता है। मंगल स्वराशि का चतुर्थ भाव में होने से जमीन के भाव में तेजी देखने को मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय खूब फलेगा। भारत की साख में वृद्धि होकर डंका बजेगा। प्रशासक वर्ग के लिए उत्तम समय रहेगा। 
 
पराक्रम में वृद्धि होगी, वहीं बाहरी मामलों में सुधार होगा। स्त्री वर्ग को कष्ट रहेगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

vastu and health : किस दिशा में बैठकर भोजन करने से बने रहेंगे सेहतमंद, जानिए