आज मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी है। आज के दिन उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) व्रत किया जाता है। यह व्रत हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य देने वाला माना गया है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु के इन सरल मंत्रों का जाप करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इतना ही नहीं इस एकादशी का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व माना गया हैं, क्योंकि इसी दिन एकादशी माता उत्पन्न हुईं थी और जो भी भक्त एकादशी व्रत शुरू करना चाहते हैं उनके लिए आज का दिन खास महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आज के दिन से ही एकादशी व्रत रखने की शुरुआत भी की जाती है।
उत्पन्ना एकादशी के सरल उपाय Ekadashi ke Saral Upay
1. अगर संभव हो या आपके पास गंगाजल हो तो पानी में गंगा जल डालकर ही नहाना चाहिए।
2. धर्मशास्त्रों में उत्पन्ना एकादशी का नाम वैतरणी एकादशी भी बताया गया है। अत: उत्पन्ना एकादशी माता की कथा पढ़ने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है और इस लोक में सभी सुखों को भोगकर स्वर्ग को प्राप्त होता है।
3. उत्पन्ना एकादशी के दिन पहले भगवान को भोग लगाएं, उसके बाद ही ब्राह्मणो को दान-दक्षिणा देने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करें।
4. उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने से मान्यता के अनुसार इस दिन श्री विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन से जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
5. एकादशी की रात्रि में भगवान श्री विष्णु का भजन-कीर्तन अवश्य करें। इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
6. इस दिन किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करें, क्रोध न करें, किसी का बुरा न सोचें और ना ही बुरा करें। सभी के प्रति आदर-सत्कार की भावना रखें।
7. इस दिन सात्विक भोजन करें, तथा मांस-मदिरा का सेवन नहीं करें।
8. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य व्रत पालन करें।
9. भोग लगाते समय श्री विष्णु को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं तथा प्रसाद अर्पित करते समय तुलसी को जरूर शामिल करें। माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु प्रसाद ग्रहण नहीं करते।
10. इस पूरे दिन निराहार रहकर सायंकाल कथा सुनने के पश्चात ही फलाहार करें। आपकी कोई विशेष इच्छा हो तो भगवान से उसे पूर्ण करने का निवेदन करें।
11. अगहन मास की ग्यारस को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, एकादशी तिथि भगवान विष्णु को प्रिय होती है अत: सुयोग्य संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
यहां पढ़ें भगवान विष्णु के 11 सरल मंत्र- Mantra On Utpanna Ekadashi
1. ॐ नारायणाय नम:
2. ॐ विष्णवे नम:
3. ॐ अं वासुदेवाय नम:
4. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
5. ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
6. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
7. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
8. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
9. ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
10. दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।