* कई त्योहार एकसाथ लेकर आ रहा है वैशाख मास, जानिए किस दिन रहेगा कौन-सा व्रत
'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचांग' श्रंखला में प्रस्तुत है वैशाख शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
'पाक्षिक-पंचांग' : वैशाख शुक्ल पक्ष
संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-वैशाख
पक्ष- शुक्ल पक्ष (5 मई से 18 मई तक)
ऋतु: ग्रीष्म
रवि: उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 6 मई, 8 मई, 10 मई, 12 मई, 15 मई,
अमृतसिद्धि योग- अनुपस्थित
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- 5 मई
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 15 मई (मोहिनी एकादशी व्रत)
प्रदोष- 16 मई
भद्रा- 8 मई (उदय-अस्त), 11 मई (उदय)-12 मई (अस्त), 14 मई (उदय)-15 मई (अस्त), 17 मई (उदय)-18 मई (अस्त)
पंचक: अनुपस्थित
मूल- 11 मई से प्रारंभ- 13 मई को समाप्त
पूर्णिमा- 18 मई (बुद्ध पूर्णिमा)
ग्रहाचार: सूर्य- मेष (16 मई से वृष राशि में), चंद्र -(सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-मिथुन, बुध-मेष (17 मई के वृष राशि में), गुरु-वृश्चिक, शुक्र-मेष, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु-धनु
व्रत/त्योहार: 7 मई- अक्षय तृतीया (अखातीज)/श्री परशुराम जयंती, 11 मई- गंगा सप्तमी, 12 मई- बगलामुखी जयंती, 13 मई- श्री जानकी नवमी, 17 मई- श्री नृसिंह जयंती, 18 मई- श्री बुद्ध जयंती
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र