Mesh Sankranti 2023: 14 अप्रैल को करीब 02 बजकर 42 मिनट सूर्य देव मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मेष में गोचर करते ही खरमास भी समाप्त हो जाएगा। सूर्य देव इस राशि में 15 मई तक रहेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। इस बार मेष संक्रंति को कितना शुभ माना जा रहा है? क्या होगा इस संक्रांति का असर? जानें-
मेष संक्रांति का फल : इस बार की मेष संक्रांति को शुभ फल देने वाली माना जा रहा है क्योंकि इस संक्रांति के चलते करीब एक माह तक वस्तुओं की लागत सामान्य रहने वाली है। देश के धन और समृद्धि में वृद्धि होने वाली है। लोगों की सेहत में सुधार होगा और वे अपनी सेहत के प्रति सतर्क रहेंगे। दो राष्ट्रों के बीच चल रही कड़वाहट थोड़ी दूर होगी और संबंधों में भी सुधार होगा। देश और दुनिया के अनाज के भंडारण में भी वृद्धि होगी। इस दिन से खरमास समाप्त होने से मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है।
शुभ योग : मेष संक्रांति 2023 के दौरान 3 शुभ योग रहेंगे। सबसे पहले सिद्ध योग रहेगा जो सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। इसके बाद, साध्य योग रहेगा। इसी दौरान सबसे शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा जो सुबह 09 बजकर 14 मिनट प्रारंभ होगा।
सूर्य पूजा : इस दिन सूर्य पूजा का खास महत्व रहता है। सूर्य पूजा से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इस दिन विधिवत रूप से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
पूजा के शुभ मुहूर्त :-
क्या है पुण्यकाल : सुबह 11:01 बजे से शाम को 06:55 तक। अवधि- 07 घण्टे 55 मिनट्स।
मेष संक्रांति का महा पुण्यकाल- दोपहर 01:06 बजे से शाम 05:17 बजे तक। अवधि- 04 घण्टे 11 मिनट्स।
मेष संक्रांति का क्षण- दोपहर 03:12 बजे।
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:35 से 05:23 तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:02 से 12:52 तक।
अमृत काल - रात्रि 09:54 से 11:24 तक।